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सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस: गर्दन में दर्द की समस्या 
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सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस: गर्दन में दर्द की समस्या 

बेंगलुरु के एक रिटायर्ड बैंक अधिकारी 63 वर्षीय, सुरेश चंद्रा (नाम बदला गया है) को गर्दन में दर्द शुरू हुए लगभग एक साल हो गया है। दर्द मध्यम तीव्रता का था, लेकिन दिन के अंत में सोने जाते वक़्त यह दर्द उन्हें काफी परेशान कर रहा था। अंत में, जब उन्होंने एक डॉक्टर से परामर्श किया, तो चंद्रा को सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस (cervical spondylosis) का पता चला। 

चंद्रा का इलाज करने वाले बेंगलुरु के ऑर्थोपेडिक स्पाइन सर्जन (orthopaedic spine surgeon) डॉ. आकाश होस्थोटा  हैप्पीएस्ट हेल्थ को बताते हैं कि बुजुर्ग लोगों की बढ़ती संख्या में सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस (cervical spondylosis) का निदान किया जाता है। वह कहते हैं, अकसर वरिष्ठ नागरिक महीनों तक गर्दन के दर्द का अनुभव करते हैं।हालांकि, वे मान लेते हैं कि दर्द उनके सोने की स्थिति या कुछ दैनिक कामों के गलत तरीके से किए जाने के कारण है। 

आर्थोपेडिक स्पाइन सर्जन (orthopaedic spine surgeon) का सुझाव है कि दर्द को अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह सर्वाइकल स्पाइन (cervical spine) (cervical spine) के धीरेधीरे बिगड़ने का संकेत दे सकता है। वक़्त रहते इसके निदान से इस समस्या को बढ़ने से रोका जा सकता है। 

 

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस (cervical spondylosis) क्या है? 

कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल, मंगलुरु, कर्नाटक के फिजियोथेरेपिस्ट (physiotherapist) डॉ बिश्वरंजन दास बताते हैं, “सीधे शब्दों में कहें तो सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस (cervical spondylosis) आपकी रीढ़ और हड्डियों का क्षतिग्रस्त होना है।आगे वह बताते हैं, “यह एक क्रोनिक स्पाइनल डिजनरेशन (chronic spinal degeneration) है, जिसमें सर्वाइकल स्पाइन (cervical spine) अकड़ जाती है; यह स्थिति, अगर अनुपचारित छोड़ दी जाती है, तो सर्वाइकल स्पाइन (cervical spine) के लचीलेपन और गतिशीलता में कमी हो सकती है। 

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस (cervical spondylosis) से पीड़ित व्यक्ति में दर्द और झुनझुनी की अनुभूति कंधों से शुरू होकर बाजुओं तथा हाथों और पैरों में महसूस की जा सकती है। धीरेधीरे व्यक्ति की लोकोमोटर (locomotor) मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। इसलिए, सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस (cervical spondylosis) वाले किसी भी व्यक्ति के लिए टाइप करना या लिखना या स्थिर रूप से कुछ पकड़े रहना मुश्किल हो जाता है। आमतौर पर, यह दर्द रात में तब बढ़ जाता है जब शरीर आराम कर रहा होता है। 

 

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस (cervical spondylosis) के कारण 

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस (cervical spondylosis) के कारणों का हवाला देते हुए डॉ होस्थोटा कहते हैं कि सर्वाइकल स्पाइन (cervical spine) की इस स्थिति का एक प्रमुख कारण है बढ़ती उम्र से जुड़ी क्षति। “मध्यम आयु वर्ग और बुजुर्ग लोगों में इसके होना का जोखिम अधिक होता है।” 

डॉ. दास बताते हैं, “सर्वाइकल डिस्क (cervical disc) के डीहाइड्रेशन (dehydration) के कारण रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है। सर्वाइकल स्पाइन (cervical spine) रीढ़ की पहली सात कशेरुकाओं (vertebrae) को घेरती है। प्रत्येक रीढ़ एक डिस्क (disc) द्वारा दबी होती है। यह डिस्क (disc) जेली जैसे पदार्थ से बनी होती है जो कुशन का काम करती है। बढ़ती उम्र डिस्क (disc) को डिहाइड्रेट (dehydrate) कर सकता है। यही डिहाइड्रेशन (dehydration) दर्द का कारण बनता है।  इसके अतिरिक्त, जीवनशैली और जीविका के प्रकार भी रीढ़ से संबंधित परेशानियों का कारण बनते हैं। 

शारीरिक भंगिमा की खराबी के परिणामस्वरूप सर्वाइकल स्पाइन डिजनरेशन (cervical spine degeneration)  जल्दी हो सकता है। डॉ दास कहते हैं, “अब हम तीस के दशक के युवाओं को भी सर्वाइकल (cervical) दर्द की शिकायत करते हुए देखते हैं। यह उनके कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करने के कारण हो सकता है।  शोध से यह भी पता चलता है कि ऊपरी अंगों के व्यापक उपयोग से सर्वाइकल स्पाइन डिजनरेशन (cervical spine degeneration)  हो सकता है। महिलाएं, शिक्षकगण, शारीरिक श्रम करने वाले मजदूर, निर्माण श्रमिक और खदान कर्मी अकसर मध्य या वृद्धावस्था में गर्दन में दर्द की शिकायत करते हैं। 

डॉ दास इसका कारण बताते हैं कि लगातार घरेलू कामकाज और उनमें होने वाले हार्मोनल परिवर्तनों के कारण पुरुषों की तुलना में महिलाओं में सर्वाइकल स्पाइन डिजनरेशन (cervical spine degeneration)  होने का खतरा अधिक होता है। इसके अतिरिक्त, वे कहते हैं, मध्य आयु वर्ग के पुरुषों की तुलना में उसी आयु वर्ग की महिलाओं में मोटापा ज़्यादा पाया जाता है जिसके चलते महिलाओं में गर्दन के दर्द की समस्या होने की संभावना भी अधिक होती है। कभीकभी सर्वाइकल दर्द भारी सामान उठाने, साइकिल चलाने, घुड़सवारी या दौड़ लगाने से लगी चोट के कारण हो सकता है। 

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस (cervical spondylosis) के लक्षण 

2007 में, डॉ. डेनियल शेडिड, एमडी, और डॉ. एडवर्ड सी बेंजेलक्लीवलैंड क्लिनिक फाउंडेशन, स्पाइन इंस्टीट्यूट, ओहियो के न्यूरोसर्जननेसर्वाइकल स्पोंडिलोसिस एनाटॉमी‘ (Cervical Spondylosis Anatomy) नामक कार्य में सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस (cervical spondylosis) के पैथोफिजियोलॉजी की जांच की। 

 

वे निम्नलिखित चेतावनी संकेतों के बारे में बताते हैं: 

गर्दन में दर्द 

कंधे का दर्द 

ऊपरी छोरों में रिफ्लेक्स की समस्या (हॉफमैन्ज रिफ्लेक्स के माध्यम से किया गया परीक्षण) 

हाथ सुन्न होना 

हस्त-कौशल कम होना  

निचले छोर की कमजोरी 

पैरेस्थेसिया (Paresthesia) (हाथ, पैर और टांगों में जलन) 

हाइपरअलगेसिया  (Hyperalgesia) (शरीर में दर्द संवेदनशीलता का बढ़ जाना) 

 

किंग सऊद विश्वविद्यालय – कंप्यूटर और सूचना विज्ञान के जर्नल में 2022 में प्रकाशित एक अध्ययन में सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस (cervical spondylosis) के लक्षणों का वर्णन इस प्रकार किया गया है: 

कशेरुकाओं और गर्दन (vertebrae and discs) की डिस्क (disc) का दीर्घकालिक क्षय जोड़ों में हड्डियों का बाहर की तरफ बढ़ जाना (बोन स्पर्स या ऑस्टियोफाइट निर्माण के रूप में भी जाना जाता है)। डॉ. होस्थोटा सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस (cervical spondylosis) के सामान्य चरणों के बारे में बताते हुए कहते हैं, “यह हल्के गर्दन के दर्द से शुरू होता है और धीरेधीरे इसकी तीव्रता बढ़ती है। कभीकभी दर्द ऐंठन के रूप में अनुभव होता है और इसके लिए एनाल्जेसिक/आराम की आवश्यकता होती है। 

 

हालांकि, वह राय देते हैं कि नैदानिक निदान अनिवार्य है जब: 

 तीन दिन से अधिक समय तक एनाल्जेसिक का सहारा लेने के बावजूद भी गर्दन के दर्द से राहत नहीं मिल रही है 

गर्दन दर्द के साथसाथ अंगों में दर्द 

गर्दन के दर्द के साथसाथ मांसपेशियों की ताकत में बदलाव 

 

डॉ. दास कहते हैं, ”सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस (cervical spondylosis) के गंभीर मामलों में संवेदना और शरीर पर नियंत्रण कम हो जाता है। 

 

स्थिति की व्यापकता 

नेशनल हेल्थ इंटरव्यू सर्वे, यूएस ने 2006 में 31,044 पुरुषों और महिलाओं की जांच की और पाया कि 13.8 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने गर्दन के दर्द की सूचना दी। उन्होंने तीन महीने तक लगातार दर्द का अनुभव किया और यह पूरे एक या एक से अधिक दिन तक रहा। इस अध्ययन ने यह भी संकेत दिया कि 45 वर्ष की आयु के बाद सर्वाइकल स्पाइन डिजनरेशन (cervical spine degeneration)  विकसित होने का जोखिम बढ़ जाता है। 

 

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस (cervical spondylosis) का इलाज 

डॉ होस्थोटा (Hosthota) का कहना है कि चंद्रा नियमित दवा और व्यायाम के साथ सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस (cervical spondylosis) का सफलतापूर्वक मैनेज कर रहे हैं। डॉ होस्थोटा (Hosthota) आगे कहते हैं किइस स्थिति को जीवन भर देखभाल की आवश्यकता होती है। नियमित गर्दन के व्यायाम करना रीढ़ की विकृति को दूर रखने का एकमात्र तरीका है। 

 सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस (cervical spondylosis) को रोकने के लिए, डॉक्टर काम पर सही भंगिमा बनाए रखने, तैराकी, गर्दन के नियमित व्यायाम, ट्रेपेज़ियस मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाले व्यायाम और सोते समय उचित तकिए के उपयोग की सलाह देते हैं। ये रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ रखेंगे। 

डॉक्टर उन लोगों को हर 40 मिनट के बाद ब्रेक लेने की सलाह देते हैं जो लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करते रहते हैं। उन्हें अपने ब्रेक के दौरान स्वस्थ रीढ़ के लिए कम से कम पांच मिनट तक स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करनी चाहिए। 

योग और प्राकृतिक चिकित्सा जैसी वैकल्पिक चिकित्सा भी रीढ़ की विकृति को रोक सकती है। सेंट्रल काउंसिल ऑफ रिसर्च इन योग एंड नेचुरोपैथी (सीसीआरवाईएन) गर्दन के दर्द से बचाव करने के लिए संतुलित आहार और नियमित व्यायाम करने की राय देते हैं।  प्रशिक्षक या एक्सपर्ट्स की देखरेख में इनका अभ्यास करने की सलाह दी जाती है। 

संतुलित आहार: कैल्शियम, फास्फोरस और विटामिन डी के स्वस्थ सेवन के साथ एक पौष्टिक भोजन रीढ़ की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद कर सकता है। स्वस्थ भोजन सर्वाइकल स्पाइन (cervical spine) को भी स्वस्थ रख सकता है। 

 योग: कुछ योग मुद्राएँ जो सर्वाइकल स्पाइन (cervical spine) के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करती हैं, उनमें शामिल हैं, ताड़ासन (mountain pose), उर्ध्वहस्ता उत्तानासन  (raised-hands pose), कटिचक्रासन (standing spinal twist), अर्धचक्रासन  (half-wheel pose), कोणासन (sideward stretching of the spine), पवन मुक्तासन (wind relieving pose), वज्रासन (diamond pose), उष्ट्रासन  (camel pose), वक्रासन (spinal twisting pose), अर्ध मत्स्येंद्रियासन (seated-twist pose), मार्जरी आसन (cat pose), गोमुखासन (cow pose), उत्ताना मंडूकासन (extended frog pose), मत्स्य आसन (fish pose), भुजंगासन (cobra pose), शलभासन (locust pose), धनुरासन (bow pose), मकरासन (crocodile pose) और शवासन  (corpse pose)। 

 

ध्यान और श्वास: ध्यान (माइंडफुलनेस (mindfulness)) का अभ्यास करने से गर्दन के दर्द से राहत मिल सकती है। इसी तरह, नियंत्रित श्वास तकनीक (जिसे प्राणायाम भी कहा जाता है) काफी हद तक रीढ़ और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद कर सकती है। 

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस (cervical spondylosis) के इलाज के लिए डॉक्टर अच्छे स्पाइन रेस्ट, एनाल्जेसिक और मसल रिलैक्सर्स भी देते हैं। 

 

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