बीन्स को रोज़ डायट में शामिल करने से ब्लड ग्लूकोज़ पर बेहतर तरीके से नियंत्रण मिलता है। बीन्स एक प्रकार की जादुई सब्जियां हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि रोज़ डायट में बीन्स को शामिल करने से डायबिटीज़ पर बेहतर तरीके से नियंत्रण पा सकते हैं। एक्सपर्ट्स डायबिटीज़ के लिए अन्य अनुकूल डायट्स, जैसे फल, सब्जियां और नट्स के अलावा, न्यूट्रिशन से भरपूर बीन्स को भी शामिल करने की सलाह देते हैं और कहते हैं कि शुगर पर नियंत्रण के लिए इन्हें नाश्ते, सलाद के रूप में लोग खा सकते हैं या अपने मुख्य भोजन के साथ खा सकते हैं।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, मार्केट में कई प्रकार के बीन्स मिलते हैं, जिन्हें लोग खा सकते हैं: किडनी बीन्स, नेवी बीन्स, व्हाइट बीन्स, गारबान्ज़ो बीन्स (चना), लीमा बीन्स (बटर बीन्स), पिंटो बीन्स, ब्लैक बीन्स और काले मटर और हरे चने जैसी बीन्स आदि।
क्या डायबिटीज़ के लिए बीन्स अच्छे होते हैं?
बेंगलुरु के एस्टर आरवी हॉस्पिटल की मुख्य न्यूट्रिशनिस्ट सौमिता बिस्वास का कहना है, “बीन्स डायबिटीज़ वाले लोगों को फायदा पहुंचाते हैं, क्योंकि उनमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स (G) कम होता है और अन्य कई स्टार्चयुक्त फूड्स की तुलना में ब्लड शुगर लेवल को बेहतर ढंग से मैनेज करने में मदद मिलती है।”
दिल्ली स्थित न्यूट्रिशनिस्ट कविता देवगन का कहना है, “डायबिटीज़ वाले लोग बीन्स को अपनी डायट में हमेशा शामिल कर सकते हैं, क्योंकि उन्हें हाई फाइबर, हाई प्रोटीन डायट खाने की ज़रूरत होती है और बीन्स में ये सभी होते हैं।
देवगन का कहना है, “अधिकांश लोगों को यह भी पता नहीं है कि डायबिटीज़ वाले लोगों को बिना कार्ब वाले डायट के बजाय कम (अच्छे) कार्ब वाले डायट का पालन करने की ज़रूरत होती है। इसलिए अपने कार्ब्स को सावधानी से चुनें। बीन्स एक ऐसी ही सब्जी है, जिसमें हाई फाइबर और कम GI कार्ब होता है।”
उन्होंने कहा कि लगभग सभी प्रकार की फलियों में मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होते हैं, जिसकी डायबिटीज़ वाले लोगों में बहुत अधिक कमी देखी जाती है। इसलिए इन लोगों के लिए बीन्स बहुत अधिक लाभदायक हो जाती हैं।
बीन्स खाने से डायबिटीज़ पर नियंत्रण कैसे मिलता है
बेंगलुरु स्थित डायट एक्सपर्ट रंजनी रमन के अनुसार, “आमतौर पर सभी प्रकार की फलियों में एक ही तरह के न्यूट्रिशन होते हैं। इनमें कैल्शियम, पोटेशियम, ज़िंक, आयरन, फोलेट, मैग्नीशियम, आदि बहुत अधिक होते हैं। वे प्रोटीन के भी अच्छे स्रोत हैं, जिनके सेवन से लोगों को बेहतर संतुष्टि मिलती है और मांसपेशियां स्वस्थ होती हैं। इसके साथ ही, बीन्स में मौजूद फाइबर से आंत के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने, कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने और ग्लूकोज लेवल को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।”
बिस्वास का कहना है कि ग्रीन बीन्स में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर होते हैं, तो ड्राई बीन्स में फाइबर की मात्रा अधिक होती है और शुगर लेवल कम होता है। इस प्रकार, ड्राई बीन्स डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए बेहतर काम करती हैं।
रमन का कहना है कि ताज़ी और कोमल ग्रीन बीन्स पचाने में दूसरों से बेहतर काम करती हैं और जब बीन्स समय के साथ पक जाती हैं, तो उनमें प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है और उनमें प्रोटीन, आयरन और कुछ मिनरल बहुत अधिक हो जाते हैं।
बीन्स: नाश्ते से लेकर मुख्य भोजन तक में कर सकते हैं शामिल
डायटीशियन का कहना है कि डायबिटीज़ वाले लोगों के अनुकूल डायट में बीन्स एक बहुत उपयोगी पदार्थ बन सकती है। इन्हें नाश्ते के रूप में सलाद (उबला या अंकुरित) की तरह एक-पॉट खा सकते हैं या मुख्य भोजन में भी खा सकते हैं। यहां तक कि बीन बर्गर भी बनाया जा सकता है। बिस्वास का कहना है, “कच्ची बीन्स का इस्तेमाल करने से पहले 8 से 12 घंटे तक पानी में भिगोने से सूजन और गैस जैसे समस्याओं को कम करने में मदद मिलती है।”
रमन का कहना है कि ग्रेवी के साथ पकाने के अलावा, बीन्स को मैश किया जा सकता है और अनाज के साथ पीसकर डोसा या पैनकेक के लिए बैटर बनाया जा सकता है। भुनी हुई बीन्स एक बेहतरीन स्नैक का विकल्प हो सकती हैं और इसका उपयोग ह्यूमस और विभिन्न प्रकार के डिप्स तैयार करने के लिए भी किया जा सकता है।
किन लोगों को बीन्स का सेवन करना चाहिए?
बिस्वास का कहना है, “कुछ लोगों को बीन्स या बीन्स जैसी अन्य सब्जियों से एलर्जी हो सकती है। इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम से पीड़ित लोगों को बीन्स नहीं खाना चाहिए, तो वहीं बीन्स खाने से कुछ लोगों में पेट फूलने और अपच की समस्या हो सकती है।”
रमन का कहना है कि किसी स्वस्थ वयस्क व्यक्ति के लिए डायट में सप्ताह में दो से चार बार बीन्स शामिल करना पर्याप्त होता है। डायट में फाइबर की मात्रा अधिक होने पर सामान्य से अधिक पानी पीना चाहिए, ताकि कोई गड़बड़ी न हो।
इसके साथ ही कैन वाले बीन्स में हाई सोडियम और प्रीज़र्वटिव होते हैं। बिस्वास का कहना है, ”बेक्ड बीन्स में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है और इसमें एक्सट्रा शुगर भी होती है।”
किडनी की कुछ बीमारियों से पीड़ित लोगों को भी बीन्स नहीं खाना चाहिए।
संक्षिप्त विवरण
बीन्स में हाई फाइबर और हाई प्रोटीन पदार्थ होने से यह डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए हेल्दी फूड्स विकल्प बन जाती है। इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है और यह एंटीऑक्सिडेंट और मिनरल से भरपूर होता है, जो इसे आपके ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रखने के लिए अच्छा डायट विकल्प बन जाती है।