
मेथी दाना के सेवन से डायट में कार्बोहाइड्रेट और शुगर के अवशोषण को धीमा करने में मदद मिलती है और ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित होता है
आमतौर पर मेथी दाने या मेथी दाना का उपयोग कई भारतीय व्यंजनों में स्वाद या तड़का लगाने के लिए किया जाता है। कुछ-कुछ ड्राई फ्रूट के टेस्ट जैसे इस सामान्य घरेलू मसाले में फाइबर और आयरन और मैंगनीज जैसे मिनरल्स भरपूर मात्रा में होते हैं। रिसर्च के अनुसार मेथी दानेों को रोज़ अपनी डायट में शामिल करने से ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद मिल सकती है।
केरल की एक गृहिणी सुनीला शंकर का कहना है कि अपने 84 वर्षीय ससुर को मेथी से हुए लाभ को देखकर उन्होंने हर सुबह मेथी दाने का सेवन शुरू किया।
उन्होंने कहा, “मेरे ससुर को डायबिटीज़ है। वे जिस भी दिन फल खाते हैं, उस दिन अपने शुगर लेवल को स्थिर रखने के लिए हमेशा मेथी दाना ज़रूर खाते हैं। अन्य दिनों में वे पूरी तरह से डायबिटीज़ डायट का पालन करते हैं।”
मेथी दाने का सेवन कर अपने लिए भी स्वास्थ्य संबंधी लाभों का अनुभव करने वाली शंकर को लगता है कि इसके सेवन से उन्हें सुबह की भूख को कम करने में मदद मिली है। वह दावा करती हैं, ”यह मुझे बिना सोचे-समझे खाने से रोकता है और इससे मुझे अपना वज़न और लिपिड प्रोफाइल मैनेज करने में मदद मिलती है।”
मेथी और ब्लड शुगर लेवल के बीच संबंध
बेंगलुरु के बन्नेरघट्टा रोड स्थित फोर्टिज़ हॉस्पिटल के एंडोक्रिनोलॉजी विभाग की एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. अनुषा नादिग का कहना है, “कई रिसर्च में पाया गया है कि मेथी में बहुत अधिक पौष्टिक और औषधीय गुण हैं, जो इन्सुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करके डायबिटीज़ को नियंत्रित करने में सहायता कर सकते हैं। इनमें मौजूद फाइबर कार्बोहाइड्रेट से अवशोषण को कम करने, ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने और इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करने में मदद मिलती है।”
जर्नल ऑफ डायबिटीज़ एंड मेटाबॉलिक डिसऑर्डर में प्रकाशित एक रिसर्च आर्टिकल के अनुसार, प्रीडायबिटीज़ वाले लोगों को रोज़ 10 ग्राम मेथी दाना का सेवन करने से डायबिटीज़ को नियंत्रित करने में मदद मिली और कोई खराब प्रभाव नहीं पड़ा।
डॉ. नादिग का कहना है, “डायबिटीज़ पर नियंत्रण पाने के लिए मेथी दाने का सेवन करने वाले लोगों को भोजन के बाद ब्लड शुगर में कमी का एहसास होता है। इससे यह जानने में मदद मिलती है कि ब्लड शुगर लेवल पर क्या असर पड़ रहा है।”
बेंगलुरु स्थित डायबिटोलॉजिस्ट डॉ. अश्विता श्रुति दास के अनुसार, “जो लोग उनसे सलाह लेते हैं, उन्हें वे अक्सर ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए भीगे हुए मेथी दाने का सेवन करने की सलाह देती हैं। हालांकि, उनका यह भी मानना है कि मेथी इंसुलिन या अन्य दवाओं का स्थान नहीं ले सकता, लेकिन थोड़ा लाभ ज़रूर पहुंचाता है।”
बेंगलुरु के एस्टर आरवी हॉस्पिटल की चीफ न्यूट्रिशनिस्ट सौमिता बिस्वास का कहना है कि छोटे कड़वे स्वाद वाले इन मेथी दानों से न केवल ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है, बल्कि ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस भी कम होता है, क्योंकि इनमें फ्लेवोनोइड होते हैं, जो सूजन को कम करते हैं।
उन्होंने कहा, “फाइबर होने से कोलेस्ट्रॉल लेवल को मैनेज करने और वज़न को कम करने में भी मदद मिलती है।”
बिस्वास का कहना है, “स्तनपान कराने वाली माताओं को मेथी दाने के पाउडर को रागी और ग्वार गम (फलियों के बीज से बना पाउडर से बना भोजन) के साथ मिलाकर लड्डू बनाकर खना चाहिए। यह एक बेहतरीन गैलेक्टागॉग (स्तन में दूध बढ़ाने में मदद करने वाला भोजन) के रूप में काम करता है, जो न्यूट्रिशन से भरपूर और शरीर के लिए फायदेमंद है।”
मेथी की न्यूट्रिशन वैल्यू
बिस्वास के अनुसार, लगभग 100 ग्राम मेथी दाने में 323 Kcal (किलोकैलोरिज़), 58 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट और 23 प्रतिशत प्रोटीन होता है।
डॉ. नादिग का कहना है कि 100 ग्राम मेथी दाने में 25 ग्राम तक डायट फाइबर होता है। इसके अलावा, इनमें विटामिन (जैसे विटामिन A, B और C) और मिनरल (जैसे आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, ज़िंक और कैल्शियम) भरपूर मात्रा में होते हैं।
बिस्वास का कहना है, “पूरे पाचन सिस्टम को सही रखने के लिए रोज़ एक चम्मच मेथी दाने का सेवन करना सुरक्षित माना जाता है।”
मेथी का सेवन करते समय ये सावधानी बरतें
मेथी से जहां कई तरह के स्वास्थ्य लाभ होते हैं, वहीं कुछ मामलों में इसका बुरा प्रभाव भी पड़ सकता है। मेथी खाने से कुछ लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए पहले थोड़ा सी मात्रा खाएं और देखें कि यह आपके लिए उपयुक्त है या नहीं।
ब्लड को पतला करने वाली दवाएं (जैसे वारफारिन) या एंटीप्लेटलेट दवाएं लेने वाले लोगों को मेथी दाने खाने की सलाह नहीं दी जाती है, क्योंकि दोनों एक-दूसरे के असर को प्रभावित कर सकते हैं और समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
डॉ. नादिग चेतावनी देती हैं कि गर्भवती महिलाओं को भी मेथी दानों का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इनसे समय से पहले डिलीवरी हो सकती है। इसके अलावा, डायबिटीज़ से पीड़ित महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं को सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह लेनी चाहिए। डायबिटीज़ वाले लोगों को बहुत अधिक सेवन से हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है।
मेथी से कुछ लोगों को एलर्जी रिएक्शन भी हो सकता है। जिन लोगों को आंत की समस्या है, उन्हें थोड़ा खाकर देखना चाहिए और अगर उपयुक्त नहीं लगे, तो इनसे बचना चाहिए।
मेथी के सेवन के तरीके
अंकुरित मेथी के दानों का उपयोग करी में किया जा सकता है या सलाद और सूप में डालकर सेवन कर सकते हैं।
डॉ. नादिग का कहना है, “आदर्श रूप से, बीजों को रात भर भिगोएं, क्योंकि इससे कड़वाहट कम हो जाती है। इससे सुबह खाने के लिए ये नरम हो जाते हैं। बीजों को भिगोने से न्यूट्रिशन के बेहतर अवशोषण में मदद मिलती है। मेथी का सेवन के लिए इसकी चाय बनाकर भी पी सकते हैं।”
इसके अलावा, बीजों को मसालों और ताज़े नारियल के साथ मिलाकर चटनी भी बना सकते हैं। मेथी दाना को कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट या राइस के साथ भी सेवन कर सकते है। हालांकि, इनका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। डॉ. नादिग सुझाव देती हैं, ”आप फलों और सब्जियों के साथ सलाद पर भी मेथी पाउडर छिड़क सकते हैं।”
संक्षिप्त विवरण
- मेथी दाने या मेथी के बीज को डायट में शामिल करने से पाचन को धीमा करने में मदद मिलती है और कार्बोहाइड्रेट और शुगर के अवशोषण में देरी होती है, जिससे डायबिटीज़ नियंत्रण में मदद मिलती है।
- मेथी का सेवन करते समय ब्लड शुगर लेवल पर ध्यान देना भी ज़रूरी है, ताकि हाइपोग्लाइसीमिया न हो।
- मेथी दानों का उपयोग करी या सलाद और सूप में कर सकते हैं। ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने में मदद के लिए इन्हें पानी में भिगोया जा सकता है, पाउडर बनाया जा सकता है या चाय में डाला जा सकता है।