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Bone Setter Plant: हड्डियों के हेल्थ के लिए एक बेहतरीन औषधि
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Bone Setter Plant: हड्डियों के हेल्थ के लिए एक बेहतरीन औषधि

एक्सपर्ट्स के अनुसार, बोनसेटर प्लांट के डंठल से बना सूप पीने से फ्रैक्चर, ऑस्टियोआर्थराइटिस या बोन डेंसिटी में सुधार वाले लोगों को बहुत लाभ होता है।

एक्सपर्ट्स के अनुसार, बोनसेटर प्लांट के डंठल से बना सूप पीने से फ्रैक्चर, ऑस्टियोआर्थराइटिस या बोन डेंसिटी में सुधार वाले लोगों को बहुत लाभ होता है।

बेंगलुरु के 39 वर्षीय विशाक शंकर फुटबॉल खेलते समय गिर गए और उनके पैर की दूसरी उंगली की हड्डी टूट गई। उन्हें 30 दिनों तक वॉकिंग कास्ट पहनना पड़ा।

इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी प्रोफेशनल ने कहा, “बीमारी के दौरान, मुझे ठीक होने के लिए कैल्शियम और अन्य सप्लीमेंट्स लेने की सलाह दी गई थी। इन गोलियों से मुझे गंभीर रूप से कब्ज की समस्या होने लगी।”

इसके बाद एक आयुर्वेदिक डॉक्टर ने मुझे सिसस क्वाड्रैंगुलरिस हर्ब (जड़ी-बूटी) लेने की सलाह दी, क्योंकि इसका उपयोग पुराने समय से हड्डियों को ठीक और मज़बूत बनाने के लिए किया जाता रहा है।

इस जड़ी-बूटी के कई नाम हैं और भारतीय में भी इसे कई नामों से पुकारा जाता है। लोग इसे वेल्ड्ट ग्रेप, अस्थिसंहारा, हड़जोड़, मंगरावली, नल्लेरु, अस्थिकुडी या चेंगलमपरंदा आदि कहते हैं। हिंदी में हड़जोड़ का शाब्दिक अर्थ है ‘हड्डियों को जोड़ने वाला’।

शंकर को इस हर्ब की चटनी या सूप बनाकर सेवन करने की सलाह दी गई। चौंकाने वाली बात यह है कि जब उन्होंने अपने न्यूट्रिशन सप्लीमेंट की जांच की, तो उन्हें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि उनमें भी सिसस क्वाड्रैंगुलरिस शामिल था।

 

हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी पदार्थ

एडामेंट क्रीपर के नाम से भी जाना जाने वाला यह हर्ब हड्डियों के इलाज में मदद करता है और सूजन को कम करता है। इसमें कैल्शियम, विटामिन C और E और कैरोटीनॉयड, टैनिन और फिनोल जैसे एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं।

केरल के कोच्चि स्थित अके नेचुरल इंग्रीडिएंट्स में आयुर्वेद रिसर्चर और साइंटिस्ट डॉ. निया टी सिवन का कहना है कि इस हर्ब से हड्डियों की शक्ति वापस पाने में मदद मिल सकती हैं।

सीसस क्वाड्रैंगुलरिस, हड्डी और जॉइंट्स के टिश्यू में कोलेजन के संश्लेषण को बढ़ाने में मदद करता है। इसमें बीटा-सिटोस्टेरॉल होने से यह बोन मिनरल डेंसिटी को सुधारने में भी मदद करता है।

ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या और बोन डेंसिटी को बढ़ाने के लिए इस हर्ब के उपयोग की सलाह की जाती है, हालांकि साइंटिस्ट यह भी कहते हैं कि इस जड़ी-बूटी के काम को पूरी तरह से समझने के लिए अधिक रिसर्च की ज़रूरत है।

उन्होंने आगे कहा कि कई रिसर्च में पाया गया है कि जड़ी-बूटी के उपयोग से हड्डियों के नुकसान को रोका जा सकता है, फ्रैक्चर को जल्दी ठीक किया जा सकता है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

एक पायलट रिसर्च में, नौ प्रतिभागियों को सिसस क्वाड्रैंगुलरिस के 500 mg के कैप्सूल दिए गए और छह हफ्ते तक दिन में तीन बार एक कैप्सूल का सेवन करने के लिए कहा गया। रिसर्च के अंत में, प्रतिभागियों ने बताया कि उनके दर्द और सूजन में कमी हो गई, उनके जबड़े की हड्डी का फ्रैक्चर भी जल्द ही ठीक हो गया।

एक अन्य रिसर्च में ऑस्टियोपोरोसिस वाले चूहों को सिसस दिया गया। इसमें पाया गया कि इससे हड्डियों के अधिक नुकसान को रोकने में मदद मिली।

 

साइड इफेक्ट

आमतौर पर प्लांट का सेवन करना सुरक्षित माना जाता है, लेकिन मेटाबॉलिज्म से जुड़ी समस्याओं पर इसके प्रभाव से संबंधित एक रिसर्च से पता चला है कि जिन लोगों ने इसका सेवन किया, उनको मुंह में सूखापन, गैस और डायरिया जैसे सामान्य साइड इफेक्ट महसूस हुए।

डॉ. सिवन कहते हैं कि जड़ी-बूटी को उपयोग करने से पहले लोहे की कड़ाही में हल्का भून लें।

शंकर का कहना है, “मैंने सूप बनाकर हड़जोड़ हर्ब का सेवन किया। मुझे नेचर से प्राप्त हर्बल इलाज पसंद हैं। आयुर्वेद एक्सपर्ट के मार्गदर्शन के बाद, मैंने 21 दिनों तक हर दिन सूप का सेवन किया।”

इलाज से तुरंत सब कुछ ठीक नहीं हुआ, लेकिन धीरे-धीरे हो गया और उन्हें दोबारा स्वस्थ होने का एहसास होने लगा।

शंकर के अनुसार, उन्होंने सूप बनाने के लिए इन सामानों का उपयोग किया।

 

सूप बनाने के लिए सामान

  • दाल (मूंग/मूंग दाल, लाल मसूर/मसूर दाल या लाल चना/अरहर दाल का मिश्रण) – ½ कप
  • कद्दूकस करके साफ किया हुआ हड़जोड़ – 10 टुकड़े
  • (इससे हल्की खुजली होती है, इसलिए खुजली से बचने के लिए प्लांट को काटते समय ग्लव्स पहनें।)
  • हल्दी पाउडर – ¼ चम्मच
  • नमक स्वाद के अनुसार
  • घी (बिना मक्खन का) – 1 चम्मच
  • अदरक और लहसुन – बारीक कटा हुआ या पीसा हुआ – 1 बड़ा चम्मच
  • सब्जी का शोरबा या गर्म पानी- 2 कप
  • सुंदर बनाने के लिए: एक या दो चम्मच कटी हुई धनिया की पत्ती और काली मिर्च पाउडर।

 

बनाने का तरीका

  • दाल को छलनी में दो-तीन बार धोएं, पानी को निकाल दें और फिर दाल को अलग रख दें।
  • हड़जोड़ के टुकड़े और दाल, एक चुटकी हल्दी पाउडर और नमक को एक साथ मिलाकर तीन सीटी आने तक प्रेशर कुक र में पकाएं। जब प्रेशर निकल जाए, तो जांच लें कि दाल और सब्जियां पक गई हैं या नहीं।
  • ठंडा होने पर, मलाईदार प्यूरी के लिए सूप को ब्लेंडर में चलाएं। रेशे को हटाने के लिए प्यूरी को छान लें।
  • एक पैन में एक चम्मच घी डालकर पिघला लें। इसमें एक बड़ा चम्मच अदरक-लहसुन का पेस्ट डालकर 30 सेकंड तक भून लें। पैन में हड़जोड़-दाल की प्यूरी, दो कप उबला पानी या सब्जी के शोरबा को डालें और ज़रूरत के अनुसार नमक मिलाएं।
  • अच्छी तरह हिलाते हुए, इसे धीरे-धीरे उबलने दें। अपनी पसंद के अनुसार गाढा करें। अगर यह बहुत गाढ़ा हो जाए, तो इसे थोड़ा गर्म पानी मिलाकर पतला कर लें।
  • अंत में सूप को कटी हुई हरी धनिया से सजाएं।
  • थोड़ी सी काली मिर्च पाउडर छिड़कें और बस गर्मागर्म सूप तैयार है।

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