जिंदा रहने के लिए भोजन बहुत ज़रूरी है और भोजन को अपनी ज़रूरतों के अनुसार खाना ही सही रहता है।
जब भी पर्सनल हेल्थकेयर की बात होती है, तो सबसे अधिक न्यूट्रिशन या पोषण की बात की जाती है। ऐसे में न्यूट्रिशन को लेकर कई तरह की गलत खबरें भी मार्केट में फैली हुई हैं, जिनका सच जानने की ज़रूरत है। सेंट जॉन्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के न्यूट्रिशन डिविज़न की प्रोफेसर और हेड डॉ. रेबेका कुरियन राज ने 12 जुलाई को हैप्पीएस्ट हेल्थ के द एज ऑफ न्यूट्रिशन समिट में न्यूट्रिशन से जुड़ी बेसिक बातों के बारे में बताया। डॉ. रेबेका ने स्वस्थ शरीर के लिए सही भोजन चुनने के बारे में जागरूकता पैदा करने की बात कही।
यहां वह डायट और न्यूट्रिशन पर कुछ सबसे आम मिथकों का सच बता रही हैं और अपनी विशेषज्ञता के साथ लोगों को जागरूक करने का काम रही हैं:
मिथक 1: अंडे की जर्दी से कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ता है
सच: अंडे की जर्दी में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सिर्फ अंडे की जर्दी खाने से ही कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। पूरी डायट महत्वपूर्ण होती है।
मिथक 2: गर्भवती महिलाओं को दो लोगों के बराबर भोजन खाना चाहिए
सच: नहीं, गर्भवती महिलाओं के लिए भोजन की मात्रा महत्वपूर्ण नहीं होती है, बल्कि भोजन में विभिन्न न्यूट्रिशन का सेवन करना अधिक महत्वपूर्ण है, जो गर्भावस्था को स्वस्थ रखते हैं। उन्हें अलग–अलग प्रकार की डायट लेनी चाहिए, जिनसे उन्हें पूरा न्यूट्रिशन मिले।
मिथक 3: एथलीट्स को भरपूर मात्रा में प्रोटीन का सेवन करना चाहिए
सच: एथलीट्स को प्रोटीन की अधिक ज़रूरत होती है, लेकिन अगर वे पर्याप्त एक्सरसाइज़ नहीं करते, तो उनके लिए प्रोटीन उपयोगी नहीं होते।
मिथक 4: केवल हार्ड वर्कआउट से ही वज़न कम हो सकता है
सच: नहीं, हम क्या खाते हैं और कितनी एक्सरसाइज़ करते हैं, उनके बेहतर संतुलन से आपका वज़न कम होता है।
मिथक 5: आपको एक्सरसाइज़ से पहले और बाद में स्नैक्स खाना चाहिए
सच: हां, एक्सरसाइज़ से मसल बनाने वाले लोगों को स्नैक्स से पर्याप्त एनर्जी मिल सकती है। इनसे मसल को बनाने और सुरक्षित करने में मदद मिलती है।
मिथक 6: किडनी की बीमारी वाले लोग केले नहीं खा सकते
सच: किडनी की बीमारी वाले लोग केले खा सकते हैं, लेकिन सेवन किए जाने वाले केले के बजाय पूरी डायट में पोटेशियम की मात्रा पर कड़ी नजर रखनी चाहिए।