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postpartum weight loss: गर्भावस्था के बाद वज़न कम करने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
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postpartum weight loss: गर्भावस्था के बाद वज़न कम करने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

गर्भावस्था के बाद बढ़े हुए अधिक वज़न को कम करते समय सतर्क रहें और माता और बच्चे की न्यूट्रिशन संबंधी ज़रूरतों का ध्यान रखें

गर्भावस्था के बाद बढ़े हुए अधिक वज़न को कम करते समय सतर्क रहें और माता और बच्चे की न्यूट्रिशन संबंधी ज़रूरतों का ध्यान रखें

गर्भावस्था के बाद कई महिलाएं आवश्यक रूप से वज़न कम करने की कोशिश करती हैं, लेकिन इसके लिए कोई ऐसा निर्धारित तरीका नहीं है, जो सभी के लिए सही हो। बेंगलुरु के अपोलो क्लिनिक के ऑब्स्टेट्रिशियन और गायनाकोलोजिस्ट डॉ. बबिता मटुरी का कहना है, “गर्भावस्था के बाद वज़न घटाने की ज़रूरत कई बातों पर निर्भर है। इसमें महिलाओं का स्वास्थ्य, गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के बाद का उनका वज़न और उनका संपूर्ण स्वास्थ्य की स्थिति शामिल हैं। अगर गर्भावस्था के दौरान किसी व्यक्ति का वज़न सामान्य से कई किलो अधिक बढ़ गया है या गर्भावस्था के बाद उनका वज़न इतना हो गया है कि स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती है, तो अधिक वज़न को कम करना उनके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।”

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अधिक वज़न से डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट संबंधी रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है। खासकर गर्भावस्था के बाद अधिक वज़न से जॉइंट्स और मांसपेशियों पर दबाव पड़ सकता है और परेशानी हो सकती है। वज़न कम करने के समय महिलाओं को निम्न कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

 

गर्भावस्था के बाद वज़न घटाने के टिप्स

न्यूट्रिशन को प्राथमिकता दें

डॉ. मटुरी कहती हैं, “डिलीवरी के बाद रिकवर होने और स्वस्थ रहने के लिए बैलेंस्ड और पौष्टिक डायट पर ध्यान देना ज़रूरी है। माता के व्यस्त या थके होने की स्थिति में कोई भी व्यक्ति पहले से ही हेल्दी फूड्स और नाश्ता तैयार कर सकते हैं और इससे उन्हें कम पौष्टिक फूड्स का सेवन नहीं करना पड़ेगा।”

कर्नाटक के मैंगलोर स्थित केएमसी हॉस्पिटल के एंडोक्रिनोलोजी विभाग के कंसल्टेंट डॉ. श्रीनाथ पी शेट्टी का कहना है, “महिलाओं को प्रोसेस्ड फूड्स के साथ-साथ शुगरयुक्त और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स से भी बचना चाहिए।”

एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि नई-नई मां बनने वाली महिलाओं को अधिक लीन प्रोटीन, फल और सब्जियां, साबुत अनाज, हेल्दी फैट्स, लो फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स, आयरन-युक्त फूड्स, फाइबर-युक्त फूड्स और ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर फूड्स का सेवन करना चाहिए। दिन भर खूब सारा पानी पीना चाहिए। डॉ. मटुरी कहती हैं, “हाइड्रेट रहने से मेटाबोलिज्म बेहतर होता है और संतुष्टि मिलती है। इससे अधिक भोजन का सेवन रोका जा सकता है।”

डॉ. शेट्टी का कहना है, “डायट में फलों को शामिल करें, लेकिन अधिक कैलोरी वाले केला या कटहल जैसे कुछ फलों से बचें। ज़मीन के नीचे उगने वाली सब्जियां, जैसे रतालू, शकरकंद, आलू और मूली में स्टार्च की मात्रा अधिक होती है, इसलिए इनका भी कम सेवन करें।”

 

नियमित रूप से एक्सरसाइज़ करें

एक्सपर्ट के अनुसार, अपने रोज़ की रूटीन में धीरे-धीरे एक्सरसाइज़ को शामिल करें। नई माता ऐसे ऐक्टिविटीज़ से शुरुआत कर सकती हैं, जिसमें बहुत अधिक मेहनत न करनी पड़े, जैसे हर दिन कम से कम आधा घंटा पैदल चलें। डॉ. शेट्टी का कहना है कि शुरुआत में एक्सरसाइज़ करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन छह महीने से एक साल के बाद माता एरोबिक एक्सरसाइज़ कर सकती हैं और फिर रेजिस्टेंस ट्रेनिंग शुरू कर सकती हैं।

जैसे-जैसे शरीर स्वस्थ होता जाए, वैसे-वैसे वर्कआउट की तीव्रता और समय को बढ़ाते जाएं। डॉ. माटुरी ने कहा कि महिलाओं को ऐसे एक्सरसाइज़ करने चाहिए, जिनसे कोर और पेल्विक फ्लोर मसल को मज़बूत हो, क्योंकि गर्भावस्था और डिलीवरी के कारण यही मुख्य रूप से कमज़ोर हो सकते हैं। पेल्विक टिल्ट्स, केगल्स और सामान्य कोर एक्सरसाइज़ जैसे ऐक्टिविटीज़ से मदद मिल सकती है।

 

पर्याप्त नींद लें

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को स्ट्रेस हो सकता है, इसलिए पर्याप्त नींद लेना ज़रूरी है। इससे आपको पर्याप्त आराम मिलेगा। यह न केवल वज़न को घटाने में, बल्कि संपूर्ण रूप से स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। नींद के खराब पैटर्न के कारण आप आंशिक रूप से फैट्स और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर फूड्स का सेवन अधिक मात्रा में कर सकती हैं, जिससे एनर्जी के सेवन में बढ़ोतरी हो सकती है। डॉ. मटुरी कहती हैं, “कोशिश करें कि जब आपका बच्चा झपकी ले, तो पर्याप्त आराम करें और आप भी झपकी लेने की कोशिश करें।”

 

मात्राओं को सीमित करें

अधिक खाने से बचने के लिए मात्राओं पर ध्यान देना ज़रूरी है। डॉ. मटुरी कहती हैं, ”मात्राओं को नियंत्रित करने के लिए छोटी प्लेटों और कटोरियों का उपयोग करें।” डॉ. शेट्टी कहते हैं कि भारी फूड्स का अधिक मात्रा में सेवन करने के बजाय, कम-कम मात्रा में ज़्यादा फूड्स का सेवन करें।

डॉ. मटुरी का कहना है कि महिलाओं को भूख और संतुष्टि मिलने वाले संकेतों पर ध्यान देते हुए बेहतर और सीमित मात्रा में खाना खाने की आदत बनानी चाहिए। जब भूख न हो, तो न खाएं। जब आप संतुष्ट हो जाएं, तो खाना बंद कर दें। पेट के बहुत अधिक भरने तक न खाएं।

 

वास्तविक लक्ष्य बनाएं

बेंगलुरु के बर्थराइट बाय रेनबो चिल्ड्रन हॉस्पिटल की ऑब्स्टेट्रिक्स और गायनाकोलोजी कंसल्टेंट डॉ. श्रीविद्या गुड्डेती रेड्डी कहती हैं, “गर्भावस्था के बाद वज़न घटाने के लिए धीरे-धीरे और नियमित रूप से कोशिश करनी चाहिए। याद रखें कि आपके शरीर में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं, इसलिए, इसे ठीक होने और स्वस्थ बनने के लिए थोड़ा समय लगेगा। गर्भावस्था के नौ महीनों में बढ़ा हुआ वज़न डिलीवरी के तुरंत बाद कम नहीं होगा, इसमें छह महीने से एक साल तक का समय लग सकता है।”

डॉ. मटुरी ने कहा कि धीरे-धीरे वज़न घटाने का लक्ष्य रखने की ज़रूरत है।

 

डॉक्टर से सलाह लें

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अपनी डायट या एक्सरसाइज़ रूटीन बदलने से पहले डॉक्टर से  सलाह लें। डॉ. मटुरी का कहना है, “वे आपकी पर्सनल स्थिति का आकलन करेंगे और फिर फिज़िकल ऐक्टिविटी के लिए आपके सक्षम होने पर आपके अनुसार पर्सनल सलाह देंगे।”

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