न्यूट्रिशनिस्ट्स का कहना है कि फल, सब्जियां, फाइबर और फैट से हार्ट संबंधी रोगों के जोखिम कम होते हैं ।
हार्ट संबंधी बीमारी वाले लोगों को डॉक्टर्स और न्यूट्रिशनिस्ट अधिक से अधिक नेचुरल और नॉन–ग्रीसी फूड्स के सेवन की सलाह देते हैं, क्योंकि ये हार्ट–स्वस्थ फूड्स हार्ट की ब्लड पंप क्षमता को स्वस्थ बनाए रखते हुए हार्ट के फंक्शन को सही रखने में मदद करते हैं।
बेंगलुरु स्थित डायटीशियन रंजिनी रमन के अनुसार, “हार्ट को स्वस्थ बनाने के लिए बेहतर एंटीऑक्सीडेंट अवशोषण के लिए फलों और सब्जियों के माध्यम से माइक्रो न्यूट्रिशन की पर्याप्त मात्रा का सेवन करना ज़रूरी है, जो ब्लड वेसल को स्वस्थ बनाए रखते हैं और अच्छी तरह से काम करने में मदद करते हैं।”
उन्होंने कहा कि डायट में मिनरल, जैसे पोटेशियम और विटामिन, जैसे फोलेट (विटामिन B-9) को शामिल करने से ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है और कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होता है, जिससे हार्ट की सुरक्षा होती है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, ये कुछ नेचुरल फूड्स हार्ट को स्वस्थ बनाए रखने का काम करते हैं:
फाइबर–युक्त साबुत अनाज
बेंगलुरु स्थित डायटीशियन दीलेखा बनर्जी का कहना है, “फाइबर के सेवन से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है। जब आपका पाचन अच्छा होगा, तो नुकसानदायक पदार्थ और फैट आर्टरीज़ और ब्लड वेसल में जमा नहीं होंगे। डायटरी फाइबर (घुलनशील और अघुलनशील दोनों) कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करता है। ”
उन्होंने कहा, “मल्टीग्रेन के अलावा ओट्स और मिलेट, जैसे सोर्घम (ज्वार), पर्ल मिलेट (बाजरा), फॉक्सटेल बाजरा (ककुम), फिंगर बाजरा (रागी), बकव्हीट (कुट्टू) जैसे फाइबर–युक्त कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट का सेवन करना सबसे अच्छा है। ब्राउन राइस भी सेवन करना सही है। ओट्स और मिलेट में ओमेगा 3 फैटी एसिड से ब्लड के ट्राइग्लिसराइड्स या बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद मिलती है, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस की समस्या होने का जोखिम होता है।“
फल
जामुन, संतरे, खरबूजे, अंगूर, एवोकाडो, सेब आदि वाले फलों को हार्ट के अनुकूल फलों के रूप में खाने की सलााह दी जाती है।
बनर्जी सुझाव देती हैं, “इनमें से अधिकांश फल विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं, लेकिन अगर किसी हार्ट के मरीज़ को डायबिटीज़ या मोटापा जैसी अन्य बीमारियां हैं, तो उन्हें पहले अपने डायटीशियन से सलाह लेनी चाहिए। सेब और अमरूद जैसे फल खाएं, लेकिन डायबिटीज़ वाले लोगों को आम और अंगूर जैसे फलों से परहेज करना चाहिए।“
रमन का कहना है कि फलों का जूस निकालने के बजाय उन्हें छिलके सहित खाना बेहतर है, ताकि आपको फाइबर मिले।
बनर्जी का कहना है, “डायटीशियन से यह सलाह लेना सबसे अच्छा होगा कि क्या खाएं और क्या नहीं। फलों में माइक्रो न्यूट्रिशन और मैग्नीशियम जैसे मिनरल भी होते हैं, जो हार्ट के लिए स्वस्थ माने जाते हैं।“
कॉम्प्लेक्स कार्ब्स से भरपूर सब्जियां
रमन का कहना है, ”अधिकांश डॉक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट अपने भोजन में कलरफुर सब्जियां शामिल करने की सलाह देते हैं। सब्जियों का अनुपात कार्बोहाइड्रेट के हिस्से से अधिक होना चाहिए।”
रमन सुझाव देती हैं, “आप फूड्स में टमाटर, बैंगनी गोभी, हरी पत्तेदार सब्जियां, चुकंदर और गाजर केक साथ सलाद को शामिल हो सकते हैं। इनसे आपको संतुष्टि मिलेगी और वज़न और लिपिड नियंत्रण में रहेगा।”
बनर्जी का कहना है कि जड़ों और कंदों वाली सब्जियों की तुलना में हरी पत्तेदार सब्जियां खानी चाहिए।
उन्होंने कहा, “अगर आप रोटी या चावल जैसे कार्बोहाइड्रेट के साथ जड़ों और स्टार्चयुक्त सब्जियों का सेवन करते हैं, तो कार्ब की मात्रा दोगुनी हो जाती है। इसलिए, अगर आप इनका सेवन कर रहे हैं, तो इनके मात्रा पर ध्यान देना बेहतर है। अधिक लाभ के लिए आप सब्जियों को भाप में पका सकते हैं, सेंक सकते हैं, उबाल सकते हैं या थोड़े ऑयल में भून सकते हैं।“
हेल्दी गुड फैट
हार्ट के हेल्दी डायट के लिए, गुड और बैड फैट के बीच अंतर को जानें और यह जानें कि डायट में गुड फैट के लिए किसे शामिल करें। रमन का कहना है, “नट्स (बादाम, अखरोट, पिस्ता), लीड्स (चिया, सन), फैटी फिश आदि को हेल्दी फैट के रूप में शामिल करने से गुड कोलेस्ट्रॉल [HDL] में वृद्धि हो सकती है, जिससे हार्ट की सुरक्षा होती है।“
रमन के अनुसार, हार्ट के बेहतर स्वास्थ्य के लिए बैड फैट के सोर्स, जैसे रिफाइंड ऑयल, बबटर और अन्य सेचुरेटेड और ट्रांस फैट को कम से कम खाएं।
सीड्स–आधारित ऑयल (जैसे गिंगेली और सरसों का तेल) में ओमेगा 3 और ओमेगा 6 भरपूर होते हैं। इसलिए, दोनों हार्ट के लिए अच्छे हैं। आप ऑयल के बीच वैकल्पिक रूप से चुन सकते हैं और अलग–अलग दिनों में अलग–अलग ऑयल के साथ खाना बना सकते हैं।
बनर्जी का कहना है कि शुद्ध घी से पाचन में भी सहायता मिलती है और एसिडिटी या सीने में जलन खत्म होती है, लेकिन इसका सेवन करने से पहले आपको इसकी मात्रा का ध्यान रखना होगा और अधिक मात्रा का सेवन नहीं करना होगा।
अंडा
दिल्ली स्थित न्यूट्रिशनिस्ट कविता देवगन के अनुसार, “अंडे हार्ट रोग के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं, क्योंकि इसमें बीटाइन नामक पदार्थ (इसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं) होता है, जो ब्लड में होमोसिस्टीन (यानी अमीनो एसिड, जिसके अधिक लेवल से हार्ट संबंधी रोग होता है) के लेवल को कम करने में मदद करता है। जब ब्लड में प्लाज्मा होमोसिस्टीन की मात्रा कम होती है, तो इससे हार्ट संबंधी रोग का जोखिम कम हो जाता है।“
बनर्जी के अनुसार, “अंडे न्यूट्रिशन से भरपूर होते हैं, लेकिन जब प्रोटीन के सेवन की बात आती है, तो व्यक्ति को अपने वज़न, लंबाई और स्थिति के अनुसार सेवन की मात्रा निर्धारित करनी चाहिए।“
लो फैट डेयरी प्रोडक्ट
बनर्जी का कहना है कि हार्ट के मरीज़ों के लिए डेयरी प्रोडक्ट का सेवन करना चाहिए, लेकिन केवल टोंड या स्किम्ड दूध वाले प्रोडक्ट का सेवन करें। घर पर इन लो फैट वाले दूध का उपयोग करके पनीर, दही और छाछ बनाकर सेवन करें।
बनर्जी का कहना है, “हार्ट के स्वास्थ्य के लिए नेचुरल फूड्स के सेवन के अलावा एक और महत्वपूर्ण आदत खुद को हाइड्रेट रखना है। रोज़ दो से तीन लीटर पानी पीने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और हार्ट स्वस्थ रहता है।“
संक्षिप्त विवरण
हेल्दी डायट आपके हार्ट के स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है। एक्सपर्ट का कहना है कि हार्ट के स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए हाई फाइबर–कॉम्प्लेक्स कार्ब–युक्त डायट को अपने भोजन में शामिल करें। सभी फैट हार्ट के लिए नुकसानदायक नहीं होते हैं। वास्तव में, हार्ट के उचित फंक्शन के लिए कुछ अच्छे फैट को डायट में शामिल करना चाहिए।