आपकी स्कैल्प केयर रूटीन को बदलने और बालों को मज़बूत बनाने के लिए एक व्यापक गाइड
हममें से कौन अपने बाल अच्छे नहीं देखना चाहता, लेकिन सच यह है कि हम डैंड्रफ से नहीं बच पाते। सिर की जिद्दी डैंड्रफ से छुटकारा पाने में काफी मुश्किलें आ सकती हैं। जब भी हमारे सिर पर डैंड्रफ होते हैं, तो इन दुखदायी सफेद डैंड्रफ से मुक्ति पाने के लिए आपको कई प्रोडक्ट और इलाजों का सहारा लेना पड़ता है, लेकिन कोई भी उपाय काम नहीं आता है। सौभाग्य से, सही जानकारी और उपाय के साथ, डैंड्रफ को नियंत्रित करना और स्कैल्प को हेल्दी बनाए रखना उतना मुश्किल नहीं है, जितना लोग सोचते हैं।
बेंगलुरु के बॉडीक्राफ्ट क्लीनिक की डर्माटोलोजिस्ट डॉ. मिक्की सिंह का कहना है, “डैंड्रफ, सिर की स्किन पर होने वाली एक सामान्य समस्या है, जो तब होती है जब स्किन की परत बहुत अधिक झड़ने लगती है। यह समस्या मालासेज़िया (सभी के सिर पर रहने वाला फंगस, जो डैंड्रफ और इन्फेक्शन पैदा करता है), ड्राई स्किन, सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस, या बालों से जुड़े प्रोडक्ट के प्रति संवेदनशीलता जैसे कारणों की वजह से शुरू हो सकती है।”
डॉ. भानुबेन नानावती कॉलेज ऑफ फार्मेसी में असिस्टेंट प्रोफेसर पद्मिनी रविकुमार के नेतृत्व में 2018 के एक रिसर्च में पाया गया कि मालासेज़िया फरफुर डैंड्रफ की समस्या का मुख्य कारण है। रिसर्च से यह भी पता चला कि डैंड्रफ बालों की एक ऐसी समस्या है, जिसे लगभग सभी जानते हैं और विश्व भर के 50 प्रतिशत से अधिक लोग इससे प्रभावित हैं।
ऑयली स्किन और डैंड्रफ
सिर पर बहुत अधिक ऑयल होने से भी मालासेज़िया फंगस को बढ़ने के लिए एक उचित वातावरण मिलता है, जिससे डैंड्रफ की समस्या होती है। स्कैल्प पर ऑयल होने से डैंड्रफ की समस्या में होने वाले लक्षण बढ़ जाते हैं और इस पर नियंत्रण पाना चुनौतीपूर्ण बना सकता है।
गुरुग्राम के सीके बिड़ला हॉस्पिटल में डर्माटोलोजी कंसल्टेंट डॉ. सीमा ओबरॉय लाल का कहना है, “हममें से कुछ लोग आनुवंशिक रूप से ऑयली स्किन के प्रति संवेदनशील होते हैं। विशेष रूप से स्कैल्प, चेहरे, कंधे, पीठ और सीने से जुड़ी संवेदनशीलता अधिक होती है। यह आनुवंशिक समस्या किशोरावस्था के दौरान अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है और इससे ऑयल अधिक बनने लगता है।”
ऑयल, डैंड्रफ और संवेदनशीलता
डॉ. लाल का कहना है कि आश्चर्य की बात यह है कि डैंड्रफ की समस्या आमतौर पर ड्राई स्कैल्प पर बहुत कम देखी जाती है। वास्तव में, ऑयली स्कैल्प में ही डैंड्रफ की समस्या होती है और फिर इससे डैंड्रफ के कारण स्कैल्प संवेदनशील हो जाता है। इसके बाद संवेदनशील स्कैल्प को ठीक करना काफी परेशानी भरा हो सकता है, क्योंकि स्कैल्प के घावों, चकत्ते, खरोंच और एलर्जी से निपटने में काफी मुश्किलें होने लगती हैं। यह पिट्रोस्पोरम ओवले नामक फंगस के कारण हो सकता है, जो आमतौर पर ऑयली स्कैल्प में होता है। इससे अक्सर सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस की समस्या हो जाती है, जिसमें खुजली और लालिमा की समस्या होती है और लोगों को परेशान करती है।
सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस कई लोगों के लिए बड़ी समस्या है। यहां यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि इस स्थिति में स्कैल्प पर अधिक ऑयल लगाना समस्या को और बढ़ाता है। यह सोचना सही नहीं है कि इससे परत और पपड़ियां कम हो जाएंगी। वास्तव में, अधिक ऑयल लगाने से पूरी तरह बचना चाहिए।
OTC शैंपू
डॉ. लाल बिना सुगंधित वाले प्रोडक्ट को चुनने और संभावित एलर्जी के प्रति रिएक्शन के प्रति सचेत रहने की सलाह देते हैं।
उनका कहना है, “डैंड्रफ से सही से निपटने के लिए ज़िंक पाइरिथियोन, केटोकोनाज़ोल या सेलेनियम सल्फाइड जैसे ऐक्टिव पदार्थों से युक्त एंटी-डैंड्रफ शैंपू खरीदें। इससे फंगस की वृद्धि रुक जाती है और पपड़ी कम बनता है। इसे निर्देशों के अनुसार लगातार उपयोग करें। अगर समस्या बनी रहती है या बिगड़ जाती है, तो डर्माटोलोजिस्ट से मिलें।”
एक्सपर्ट्स के टिप्स
हल्के, बिना-सुगंधित वाले शैम्पू का उपयोग करें और नियमित रूप से बालों को धोएं।
अगर डैंड्रफ लगातार बनी रहे, तो डर्माटोलोजिस्ट से सलाह लें। उनसे स्कैल्प की समस्या के लिए दवा लें।
केमिकल हेयर प्रोडक्ट से बचें। इसमें बालों के रंग, डाई, स्ट्रेटनिंग एजेंट और अन्य केमिकल उपाय शामिल हैं। स्कैल्प पर केमिकल आसानी से फैल जाते हैं, जिससे एलर्जिक रिएक्शन शुरू हो जाते हैं।
अगर किसी की स्कैल्प संवेदनशील और ऑयली है, तो मसालेदार, शुगर वाले और फैट वाले या बहुत अधिक ऑयली फूड्स से दूर रहें, क्योंकि इससे समस्या बढ़ सकती है।
घरेलू इलाज
डॉ. सिंह का कहना है, “कुछ नेचुरल इलाज हैं, जो संभावित रूप से स्कैल्प की समस्याओं से राहत दिला सकते हैं। डैंड्रफ को दूर करने के लिए ऐपल साइडर विनेगर से सिर को धोएं और खुजली और सूजन को कम करने के लिए एलोवेरा जेल लगाएं। दुर्भाग्य से, ये उपाय सभी पर एक समान रूप से काम नहीं करते हैं। अलग-अलग लोगों को अलग-अलग रिजल्ट मिल सकता है। इसलिए, सटीक उपाय और पर्सनल इलाज के लिए डर्माटोलोजिस्ट से सलाह करना समझदारी है।”
कितनी बार बाल धो सकते हैं
यह बालों के प्रकार, स्कैल्प की स्थिति और व्यक्तिगत पसंद के अनुसार अलग-अलग हो सकता है। अगर सिर पर डैंड्रफ है और सिर ऑयली है, तो हर दो दिन में बाल धोना अच्छा है। नियमित रूप से धोने से अतिरिक्त ऑयल और डेड स्किन सेल्स को हटाने में मदद मिलती है, जिससे डैंड्रफ कम होते हैं और परेशानी भी कम होती है। हालांकि, बहुत अधिक धोने से बचें या सही शैंपू का इस्तेमाल करें, क्योंकि इससे स्कैल्प के नेचुरल ऑयल खत्म हो सकते हैं, जिससे संभावित रूप से स्कैल्प ड्राई हो सकती है और परेशानी हो सकती है। आपकी स्कैल्प और बालों के प्रकार के अनुसार सही बैलेंस बनाएं।
एंटी-डैंड्रफ शैम्पू में क्या विशेषता होनी चाहिए?
डॉ. मिक्की सिंह के अनुसार, डैंड्रफ वाले बालों के लिए निम्न शैम्पू का उपयाग करना बेहतर होता है:
- विशेष रूप से संवेदनशील स्कैल्प के लिए डिज़ाइन किए गए सामान्य और बिना सुगंध वाले शैम्पू और कंडीशनर चुनें।
- “एंटी-डैंड्रफ” लेबल वाले या ज़िंक पाइरिथियोन, केटोकोनाज़ोल, या सेलेनियम सल्फाइड जैसे ऐक्टिव पदार्थ वाले प्रोडक्ट चुनें, जो डैंड्रफ को टारगेट करते हैं।
- भारी, ऑयल-आधारित प्रोडक्ट से बचें, क्योंकि ये स्कैल्प पर ऑयल को खत्म कर सकते हैं और फंगल को बढ़ा सकते हैं और फिर इससे डैंड्रफ हो सकती है।
- डैंड्रफ को बढ़ने से रोकने और रोमछिद्रों के बंद होने को कम करने के लिए हल्के और नॉन-कॉमेडोजेनिक हेयर-स्टाइलिंग प्रोडक्ट चुनें।
- किसी एलर्जिक रिएक्शन या स्कैल्प की संवेदनशीलता न हो, इसके लिए नए प्रोडक्ट को आज़माने से पहले पैच टेस्ट करें।