सोशल मीडिया पर लगातार स्क्रॉल करने से न केवल मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है, बल्कि नींद से संबंधित समस्या भी हो सकती है
आज के टेक्निकल एडवांस दुनिया में सोशल मीडिया का इस्तेमाल ज़रूरी हो गया है, लेकिन इन सोशल प्लेटफार्म्स के अत्यधिक इस्तेमाल से नींद और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि लोगों को अपने आपको संपूर्ण स्वस्थ बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया का नियंत्रित रूप से इस्तेमाल करना चाहिए।
ऐप्स से कुछ छूट जाने का डर, नोटिफिकेशन, ब्लू लाइट जैसे कई आदि सोशल मीडिया के विभिन्न कारक हैं, जो हमें रात को जगाए रखते हैं। हाल के कई रिसर्च से पता चलता है कि सोशल मीडिया लोगों के स्वास्थ्य और दिमाग पर नेगेटिव रूप से प्रभावित कर रहा है।
युवा लोग रोज़ाना ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर साइबरबुलिंग के शिकार हो रहे हैं और इससे परेशान हो रहे हैं। इंटरनेशनल सर्टिफाइड चाइल्ड साइकोथेरेपिस्ट मीना दिलीप का कहना है कि युवतियों में खाने से संबंधित समस्याएं विकसित हो रही हैं। ऐसे में सोशल मीडिया के उपयोग को नियंत्रित करने का पहला चरण है कि लोग समस्या को स्वीकार करें और फिर उसका समाधान करें।
सोशल मीडिया के इस्तेमाल को नियंत्रित करने और बेहतर नींद के लिए टिप्स
यहां एक्सपर्ट के बताए गए कुछ टिप्स दिए गए हैं, जिन्हें अपनाकर लोग बेहतर नींद और स्वास्थ्य के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल को नियंत्रित कर सकते हैं। मीना दिलीप कहती हैं, “शुरुआत में इनका पालन करना थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन दृढ़ संकल्प के साथ इसे संभव बनाया जा सकता है।”
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल पर नज़र रखें
अधिकांश डिवाइस में डिवाइस की ऐक्टिविटी को ट्रैक करने के लिए इंटरनल ट्रैकिंग या एप्लीकेशन होते हैं। आप उपयोग किए जाने वाले एप्लीकेशन चेक करें और उन पर कम समय बिताने की कोशिश करें। टारगेट सेट करके इनके उपयोग को सीमित करें। उदाहरण के लिए, अत्यधिक उपयोग किए गए ऐप के लिए रोज़ के लिए 30-60 मिनट का समय सेट करें।
- सोशल मीडिया के लिए समय निर्धारित करें
सोशल मीडिया के लिए समय निर्धारित करें और कोशिश करें कि इस समय के दौरान ही उनका उपयोग करें। इससे आपके सोशल मीडिया के उपयोग में काफी कमी आ सकती है और सोशल मीडिया पर निर्भरता कम हो सकती है।
- नोटिफिकेशन ऑफ करें
एप्लीकेशन अक्सर नोटिफिकेशन भेजते हैं, इसलिए यूज़र उन्हें खोलते हैं और फिर से एप्लीकेशन का उपयोग करना शुरू करते हैं। रात में नोटिफिकेशन विशेष रूप से सोने में परेशान कर सकते हैं। इस स्थिति से बचने के लिए, महत्वपूर्ण सर्विसेज़ को छोड़कर नोटिफिकेशन बंद करें या रात के दौरान अलर्ट बंद करने वाली ऑटोमेटेड सेवा का उपयोग करें।
- डिजिटल फास्टिंग
हर दिन कम से कम एक या दो घंटे बिना गैजेट के बिताएं। ऐसी आदतें बनाने की कोशिश करें, जिनमें तकनीक की आवश्यकता न हो, जैसे पढ़ना, पेंटिंग करना, खाना बनाना, सफाई करना आदि ऐक्टिविटीज़ करें।
- बार-बार देखने (बिज़ वॉचिंग) से बचें
लगातार स्क्रॉल करने या किसी सीरीज़ को बार-बार देखने से न केवल नींद की कमी हो सकती है, बल्कि रात में जागने से रात में जंक फूड खाने की इच्छा भी हो सकती है। सीरीज़ देखने के दौरान हर 30 मिनट में ब्रेक लेकर डिजिटल दुनिया से दूरी बना लें। ब्रेक के दौरान बेसिक स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ करें और अपने स्क्रीन के समय को एक घंटे तक सीमित करने की कोशिश करें।
- दोस्तों और परिवार के मेंबर से संपर्क बढ़ाएं
अपने प्रियजनों के साथ समय बिताएं। अगर आप बेहतर महसूस करने के लिए सोशल मीडिया पर निर्भर रहने के बजाय तनाव महसूस कर रहे हैं, तो नए दोस्त बनाने और लोगों से बातचीत करने की कोशिश करें।
- सोशल मीडिया पर स्क्रॉल न करने पर छूटने वाली चीज़ों के लिए भी आनंद उठाएं (जॉय ऑफ मिसिंग आउट (JOMO))
बेंगलुरु के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज (NIMHANS) के क्लिनिकल साइकोलॉजी के प्रोफेसर और सर्विस फॉर हेल्दी यूज़ ऑफ टेक्नोलॉजी (SHUT) क्लिनिक के हेड डॉ. मनोज कुमार शर्मा कहते हैं कि लोगों को ऑनलाइन चीज़ों के छूटने पर खुशी का अनुभव करना चाहिए। अगर किसी से सोशल मीडिया स्क्रॉल न करने से कुछ छूट जाए, तो भी इसका आनंद लेना चाहिए।
- सोने से पहले कोई गैजेट नहीं
सोने से कम से कम 1 घंटा पहले गैजेट्स का इस्तेमाल करने से बचें। अपने बेडरूम को जितना हो सके, गैजेट से दूर रखें और सोने के नियमों का पालन करें।
- ऑफलाइन रूप से ऐक्टिव रहें
अपनी ऑनलाइन ऐक्टिविटी को कम करें और अपनी ऑफलाइन ऐक्टिविटीज़ को बढ़ाएं। कम से कम 45 मिनट से 60 मिनट तक एक्सरसाइज़ करने के लिए समय निकालें या पसंदीदा गेम्स खेलें और बेहतर कल के लिए स्वस्थ लाइफस्टाइल को बेहतर बनाएं।