क्या आप जानते हैं कि रात के खाने में आप जिस प्रकार का खाना खाते हैं उसका असर आपकी नींद पर भी पड़ सकता है? खाने के साथ-साथ खाने का समय भी महत्वपूर्ण होता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि देर से भोजन करने से अपच, एसिड रिफ्लक्स, सीने में जलन और मेटाबॉलिक सिंड्रोम हो सकता है। इसलिए, स्वस्थ रहने और बेहतर नींद के लिए रात का खाना खाने का सबसे अच्छा समय का पता होता बेहद महत्वपूर्ण है।
रात का खाना खाने का सबसे अच्छा समय क्या है?
रात का खाना दिन का आखिरी भोजन होता है। इसलिए इस समय हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन करना ज़रूरी है, जिससे नींद की गुणवत्ता प्रभावित नहीं होती है। देर से खाना खाने से नींद की गुणवत्ता कम हो सकती है और अगली सुबह आप चिड़चिड़ापन महसूस कर सकते हैं। विशेषज्ञों का सुझाव है कि सोने से तीन घंटे पहले भोजन करना फायदेमंद होता है।
वाणी कृष्णा, मुख्य पोषण विशेषज्ञ, मणिपाल अस्पताल, बेंगलुरु कहती हैं कि “रात का खाना खाने का समय शाम 6-7 बजे के बीच खाना सबसे अच्छा होता है। इससे रात के खाने और नाश्ते के बीच लंबे समय तक उपवास हो जाता है, जिसका ब्लड शुगर, इंसुलिन संवेदनशीलता और ब्लड प्रेशर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह लिपिड लेवल को संतुलित करने में भी फायदेमंद है।” वह आगे कहती हैं, “वज़न कम करने की कोशिश कर रहे मोटे या अधिक वज़न वाले व्यक्तियों को ऐसा करने से लंबे समय तक उपवास करने से मदद मिल सकती है। शरीर अधिक समय तक आराम की स्थिति में रहता है, जिससे इंसुलिन का लेवल गिर जाएगा।” रात में, चूंकि इंसुलिन का स्राव धीमा होता है, यह बेहतर ब्लड ग्लूकोज़ नियंत्रण में मदद करेगा और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करेगा।
हमें रात का भोजन जल्दी क्यों करना चाहिए?
पाचन के लिए आवश्यक हार्मोन और स्राव दिन के दौरान अधिक मात्रा में उत्पन्न होते हैं। पैनक्रियाज द्वारा उत्पादित इंसुलिन, शरीर में सेल्स द्वारा ग्लूकोज के अवशोषण को बढ़ावा देता है। कृष्णा बताते हैं, “इंसुलिन का उत्पादन पूरे दिन होता है, लेकिन दिन के दौरान स्राव धीरे-धीरे कम हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है।”
इसके परिणामस्वरूप, रात में देर से खाना खाने से ब्लड में ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाता है क्योंकि शरीर में ग्लूकोज के अवशोषण को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त इंसुलिन नहीं होता है।
अगर आप रात के खाने के तुरंत बाद सो जाएं तो क्या होगा?
भूख को दो मुख्य हार्मोन द्वारा नियंत्रित किया जाता है – भूख को बढ़ावा देने वाला घ्रेलिन और भूख को नियंत्रित करने वाला लेप्टिन। इस प्रकार, रात का खाना जल्दी खाना सबसे अच्छा है क्योंकि भोजन में देरी करने से घ्रेलिन का उत्पादन बढ़ सकता है, जिससे भूख और बढ़ जाती है और अत्यधिक खाने का कारण बन सकता है और मोटापे का खतरा बढ़ सकता है।
इसके अलावा खाना खाने के तुरंत बाद सोना काफी हानिकारक हो सकता है। फोर्टिस मलार अस्पताल, चेन्नई के क्लिनिकल आहार विशेषज्ञ, पिचिया कासिनथन ने कहा कि “शाम के समय, पाचन स्राव कम हो जाता है, जिससे भोजन का अवशोषण धीमा हो जाता है। देर से खाने और जल्दी सोने से इन्फलेमेशन, एसिड रिफ्लक्स और सीने में जलन हो सकती है।” अन्य संभावित दुष्प्रभावों में खराब और विलंबित अपच लक्षण, लगातार वज़न बढ़ना शामिल हैं।
सोने से पहले खाने से बचना चाहिए
भारी भोजन, खट्टे फल और शकर वाला पेय पाचन तंत्र पर प्रभाव डालते हैं। अपोलो अस्पताल, बेंगलुरु की मुख्य नैदानिक आहार विशेषज्ञ डॉ. प्रियंका रोहतगी का कहना है कि नींद में खलल डालने के अलावा, ऐसे भोजन से सीने में जलन हो सकती है, जिससे लेटना और आराम करना मुश्किल हो जाता है।
यहां कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिन्हें रात के खाने में नहीं खाना चाहिए:
कैफीन युक्त पेय: चाय, कॉफी या एनर्जी ड्रिंक में मौजूद कैफीन हमें सतर्क बनाता है, जिससे नींद का चक्र बाधित होता है। विशेषज्ञ शाम 6 बजे के बाद कैफीन युक्त उत्पादों से परहेज़ करने का सुझाव देते हैं।
मसालेदार खाना: मसालेदार खाना सीने में जलन, एसिड रिफ्लक्स और अपच का कारण बनता है। अन्नप्रणाली (भोजन नली) में अम्लीय सामग्री नींद में खलल डाल सकता है।
हाई फैट वाला भोजन: जब आप बिस्तर पर होते हैं तो यह पाचन तंत्र पर बोझ पड़ सकता है और पेट फूलने को बढ़ा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप आपको असुविधा हो सकती है।
प्रोटीन युक्त भोजन: ऐसे भोजन को पचने में अधिक समय लगता है, जिससे नींद में खलल पड़ता है।
अत्यधिक पानी: सोने से पहले अतिरिक्त पानी या तरल पदार्थ पीने का एक बड़ा नुकसान अधिक पेशाब आना है, जिससे नींद में खलल पड़ता है।
निकोटीन और अल्कोहल: निकोटीन शरीर को सतर्क बनाता है, जबकि अल्कोहल खंडित नींद और बार-बार पेशाब आने के कारण आपके नींद को बाधित कर सकता है।
टेकअवे
रात का खाना खाने का सबसे अच्छा समय सोने से 2-3 घंटे पहले का होता है। यह नींद की गड़बड़ी को रोककर बेहतर नींद को बढ़ावा देते हुए अपच और एसिड रिफ्लक्स से बचने में मदद करता है।
चेरी, दूध, नट्स और लीन मीट जैसे खाद्य पदार्थ नींद लाने वाले हार्मोन मेलाटोनिन के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं।
रात के खाने में मसालेदार, हाई प्रोटीन या फैट युक्त भोजन खाने से बचें क्योंकि इन्हें पचाना मुश्किल होता है और एसिड रिफ्लक्स की संभावना बढ़ जाती है।