0

0

0

0

0

0

इस आलेख में

Food Dye Allergy: कारण, लक्षण और इलाज
5056

Food Dye Allergy: कारण, लक्षण और इलाज

फूड डाई एलर्जी- कारण, लक्षण और उपचार

जानें क्यों डॉक्टर ओरल इम्यूनोथेरेपी से लेकर फूड चैलेंज तक, फूड कलर एलर्जी की जांच करने और डायट में अनहेल्दी फूड्स को शामिल न करने का सुझाव देते हैं।

क्या आप फूड डाई एलर्जी के बारे में जानते हैं? आमतौर पर अधिकांश लोग यह जानते हैं कि कुछ लोगों को कुछ फूड्स के सेवन से इम्यून सिस्टम के रिएक्शन के कारण एलर्जी होने लगती है। इसी तरह डाई एलर्जी की एक और सामान्य समस्या है, जिसे हम फूड्स डाई एलर्जी कहते हैं, जो फूड्स में कुछ फूड-ग्रेड कलरिंग एजेंट की उपस्थिति के कारण होती है।

दिल्ली की 32 वर्षीय वकील सिद्धि गुप्ता को हाल ही में दोस्तों के डिनर करते हुए पता चला कि उन्हें फूड्स कलर से एलर्जी है। यह जानकारी उन्हें बस एक रेड कलर वाला कॉकटेल पीने पर पता चला! पीने के बाद मिनटों के भीतर, उनके चेहरे में सूजन होनी शुरू हो गई और सांस लेना मुश्किल हो गया।

तुरंत उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उन्हें सूजन को कम करने की दवा के साथ-साथ एलर्जी के लक्षणों को कम करने की भी दवा दी गई। यहीं डॉक्टर ने उन्हें बताया कि उन्हें फूड कलर से एलर्जी हुई थी। डॉक्टर ने यह भी बताया कि यह दुर्लभ एलर्जी की समस्या बहुत कम लोगों को ही होती है।

फूड कलर/डाई एलर्जी क्या है?

फूड कलर/डाई एलर्जी, एलर्जी की समस्याएं हैं, जो डाई वाले कुछ फूड्स को खाने के बाद होती है। चाहे बच्चे हो या वयस्क, कोई भी इन एलर्जी से पीड़ित हो सकते हैं। खास बात यह है कि अधिकांशतः लोगों को इस बात का पता ही नहीं होता है कि उन्हें किस खास फूड्स कलर एजेंट से एलर्जी की समस्या है।

आर्टिफिशियल फूड डाइज़ के कारण हाइपरेक्टिविटी होने के बारे में कई रिसर्च हैं, जिनमें चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, पित्ती, अस्थमा और ट्यूमर (तीन मुख्य फूड डाइज़ में बेंजीन, जिससे कैंसर होता है) होना जैसे व्यवहारिक में बदलाव की बातें की गई हैं। हालांकि पुख्ता जानकारी के लिए इस पर अभी भी रिसर्च जारी है।

ऐसे कई फूड कलर्स हैं, जो पहले कोल टार से तैयार होते थे और अब पेट्रोलियम से तैयार होते हैं और हमेशा सुरक्षा संबंधी चिंताओं को बढ़ाते हैं। कुछ को उनके नुकसानदायक प्रभावों के कारण प्रतिबंधित कर दिया गया है। ‘फूड कलर्स की विषाक्तता’ आर्टिकल के एक रिव्यू में भी वर्तमान में अमेरिका द्वारा सभी नौ कलर्स को अलग-अलग स्तर की विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को बढ़ाने वाला बताया गया है।

दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल्स के इंटरनल मेडिसिन विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. तरुण साहनी के अनुसार, “आकर्षक कलर्स का इस्तेमाल भोजन के अलग-अलग कैटेगरी को कलर करने के लिए किया जाता है। डाई को भोजन का एक महत्वपूर्ण पदार्थ माना जाता है। हालांकि फूड डाई एलर्जी बहुत कम होती है, लेकिन हो सकती है। सिंथेटिक डाई, विशेष रूप से जिसकी बनावट में एरोमेटिक रिंग होते हैं, अगर रेगुलर उनका उपयोग किया जाता है या स्किन के माध्यम से अवशोषित होता है, तो इससे सेलुलर डिफेक्ट, श्वसन रोग, थायरॉइड ट्यूमर, ब्रोन्काइटिस और एलर्जी की समस्या हो सकती है। मुख्य रूप से डाई कार्माइन (रेड #4), टार्ट्राजाइन (FD और C येलो #5), और अन्नाटो फूड कलर्स एलर्जी का कारण बनते हैं।”

डॉ. साहनी कहते हैं, “बच्चों में 4-6 प्रतिशत और वयस्कों में 4 प्रतिशत को फूड डाई एलर्जी की समस्या हो सकती है। अगर किसी फूड्स को शरीर नहीं पचा पाता है, तो उससे इम्यून सिस्टम ट्रिगर नहीं होता है और जीवन को कोई खतरा नहीं होता है या फूड डाई एलर्जी के समान जोखिम नहीं होता है, लेकिन इससे डायरिया और पेट में दर्द की समस्या हो सकती है।”

फूड कलर्स और बच्चों में संबंध

आमतौर पर यह जाना जाता है कि अधिक शुगर के सेवन से बच्चे हाइपरेक्टिव बनते हैं। बच्चों के लिए अधिकांश फूड प्रोडक्ट, जिसमें मिश्रित फूड्स-कलर एजेंट होते हैं, वे भी ऐसे व्यवहार पैटर्न के लिए ज़िम्मेदार हो सकते हैं। टॉफी और कैंडी से लेकर चॉकलेट और कुकीज़ तक, अधिकांश आकर्षक कलर में बने होते हैं, जो बच्चों को लुभाते हैं और लंबे समय में कुछ ज्ञात और अज्ञात रिएक्शन का कारण बन सकते हैं। कुछ रिसर्च बच्चों में डाई से बढ़ी हुई ADHD या हाइपरेक्टिविटी के संबंध को भी दर्शाते हैं। एक ऑस्ट्रेलियन रिसर्च के अनुसार, डायट से फूड कलर को हटा देने के बाद 75 प्रतिशत माता-पिता ने बच्चों के व्यवहार और ध्यान एकाग्रता में सुधार देखा।

इसलिए एक्सपर्ट सुझाव देते हैं कि लोगों को फूड्स के पैकेजिंग लेबल को पढ़ना चाहिए, घर का पका हुआ फूड्स और साबुत अनाज का सेवन करना चाहिए और अपने बच्चों को भी इन्हें खाने को बोलना चाहिए। इसके साथ ही हेल्दी फूड्स का सेवन करना चाहिए और हेल्दी डायट की आदतों को अपनाने के लिए अपने बच्चों को सिखाना चाहिए।

एलर्जी कलर की समस्या

वैसे तो फूड डाई एलर्जी बहुत सामान्य नहीं है और कुछ प्रतिशत लोगों को हो सकती है। इसलिए इसकी जानकारी होनी ज़रूरी है। अधिकांश उपयोग किए जाने वाले कलर नेचुरल या लैबोरेटरी कृत्रिम रूप से बनाए गए होते हैं, जिनसे कुछ विशेष एलर्जी रिएक्शन हो सकते हैं।

फूड डाई, एलर्जी वाले सभी व्यक्तियों में से केवल लगभग 4 प्रतिशत लोगों को ही प्रभावित करती है। इसी तरह कई फूड कलर्स हैं, जिनके उपयोग को लेकर मान्यता मिली हुई है, उनमें प्रमुख कार्माइन, टार्ट्राज़ाइन, एनाटो और ब्रिलियंट ब्लू शामिल हैं।

कार्माइन:

यह बहुत गहरी नेचुरल रेड कलर है, जिसे सबसे व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है। इसे कोचीनियल अर्क के रूप में भी जाना जाता है। यह मुख्य रूप से पेरू में खेती की जाने वाली क्रश्ड बग से तैयार होता है। इस कलर का उत्पादन करने के लिए प्रत्येक वर्ष इसे तैयार किया जाता है। कई फूड प्रोडक्ट और कुछ कॉस्मेटिक्स में यह मिलाया जाता है।

प्रभाव: चेहरे पर सूजन, चकत्ते और घरघराहट की समस्या हो सकती है; कुछ मामलों में एनाफिलेक्टिक शॉक की समस्या भी हो सकती है।

इनमें शामिल होता है: कैंडी, ड्रिंक्स, फ्रूट योगर्ट, बर्गर्स, सॉसेज़

 

रेड 40: यह एक और रेड कलर की डाई है, जो पेट्रोलियम डिस्टिलेट या कोल टार से तैयार होता है। कुछ फूड्स आइटम्स, जिनका कलर रेड नहीं है, उनमें भी रेड 40 हो सकता है। संयुक्त राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) के अनुसार, प्रोडक्ट के लेबल पर इसकी जानकारी होनी अनिवार्य है।

प्रभाव: इससे पित्ती और चेहरे पर सूजन हो सकती है।

इनमें शामिल होता है: कॉस्मेटिक्स, कैंडी, पेय पदार्थ, अनाज, फ्रूट स्नैक्स

 

टार्ट्राज़ाइन

येलो 5: इसे टार्ट्राज़िन भी कहा जाता है। यह तीन येलो फूड डाई में से एक है, जो पेट्रोलियम प्रोडक्ट से तैयार होता है।

प्रभाव: पित्ती और सूजन, अस्थमा को ट्रिगर कर सकती है।

इनमें शामिल होता है: चीज़, ड्रिंक्स, आइसक्रीम, कैंडी, डिब्बाबंद सब्जियां, केचअप, सलाद ड्रेसिंग, हॉट डॉग्स

 

येलो 6: सनसेट येलो भी कहा जाता है। यह बहुत व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है।

प्रभाव: हाइपरसेंसिटिविटी, एनाफिलेक्टिक शॉक, पेट में ऐंठन, स्किन पर घाव और पित्ती।

इसमें शामिल होता है: बेकरी प्रोडक्ट, दवा, कैंडी, सॉसेज़, अनाज, जेलेटिन, कॉस्मेटिक्स पदार्थ।

 

एनाटो:

यह तीसरी येलो डाई एशियोट ट्री के बीजों से तैयार होता है, जो उष्णकटिबंधीय देशों में पाया जाता है। यह येलो-ऑरेंज कलर है।

प्रभाव: स्किन पर हल्के रिएक्शन और गंभीर  एनाफिलैक्टिक रिएक्शन।

इसमें शामिल होता है: शराब, स्नैक्स, चीज़, अनाज

 

ब्लू 1:

यह एफडीए से अप्रूव्ड ब्लू डाई में से सबसे अधिक सामान्य है और इसे ब्रिलियंट ब्लू भी कहा जाता है। यह अप्रूव्ड कलर बहुत पुराने समय से उपयोग में लाया जा रहा है। कोल टार, ऑयल बेस या इंडिगो प्लांट से तैयार होता है।

प्रभाव: हाइपरसेंसिटिविटी

इसमें शामिल होता है: दवा, कैंडी, पेय पदार्थ, कॉस्मेटिक्स,  अनाज

 

फूड कलर से एलर्जी के लक्षण

नोएडा के फोर्टिज हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन के डायरेक्टर और एचओडी डॉ. अजय अग्रवाल ने कहा, “फूड एलर्जी को रोकना मुश्किल है, क्योंकि यह पता लगाना मुश्किल है कि कौन से फूड्स आइटम्स से किस प्रकार की एलर्जी हो रही है। अगर आप अपनी एलर्जी के बारे में जानते हैं, तो उन प्रोडक्ट के लेबल को पढ़ें, जिनका आप सेवन कर रहे हैं।”

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि एलर्जी की समस्या वाले व्यक्ति को फूड डायटरी बनानी चाहिए और फूड्स से एलर्जी होने पर यह नोट करना चाहिए कि किन फूड्स आइटम्स से एलर्जी हुई है और अगली बार उन फूड आइटम्स से बचना चाहिए। इसके लक्षण के रूप में पित्ती/स्किन में खुजली, लालिमा, चेहरे पर सूजन, सांस लेने में कठिनाई और सीने में जकड़न की समस्या हो सकती है।

डॉ. अग्रवाल ने कहा, “किसी को भी फूड एलर्जी हो सकती है। मेरे अनुसार, एलर्जिक रिएक्शन के लिए ज़िम्मेदार प्रमुख भोजन डाई टार्ट्राज़ाइन, कार्माइन और एनाटो हैं”

 

डाई फूड्स का सेवन करने के बाद संभावित रिएक्शन

हल्के रिएक्शन से निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं:

  • फ्लशिंग
  • सिर दर्द
  • पित्ती
  • त्वचा में खुजली

 

गंभीर रिएक्शन से निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं:

  • चेहरे या होठों की सूजन
  • सीने में जकड़न
  • सांस लेने में कठिनाई, या घरघराहट
  • चक्कर आना या बेहोश होना
  • तेज़ी से दिल धड़कना
  • लो ब्लड प्रेशर
  • गले में जकड़न
  • सांस लेने में तकलीफ

 

फूड डाई एलर्जी के लिए टेस्टिंग और इलाज

अधिकांश फूड एलर्जी के साथ, डॉक्टर कारण की पहचान करने के लिए ब्लड टेस्ट या स्किन प्रिक टेस्ट की सलाह देते हैं। दुर्भाग्यवश, फूड डाई एलर्जी की जांच के लिए कोई टेस्ट उपलब्ध नहीं है। आपको कुछ ट्रायल और समस्या का उपयोग करके एलर्जी के बारे में जानना होता है।

डॉ. साहनी ने कहा, “ओरल इम्यूनोथेरेपी एक ट्रीटमेंट है, जिस पर वर्तमान में फूड एलर्जी के इलाज के रूप में रिसर्च किया जा रहा है। इस इलाज में, जिस भोजन से एलर्जी होती है, उसकी छोटी खुराकें निगली जाती हैं या आपकी जीभ (सब्लिंगुअल) के नीचे रख दी जाती हैं। एलर्जी पैदा करने वाले फूड्स की खुराक धीरे-धीरे बढ़ाई जाती है।”

एक दूसरा विकल्प यह है कि आप जो कुछ भी खाते हैं, उसे फूड डायरी में लिखें और जब आपको रिएक्शन हो, तो उसे नोट कर लें। फिर कुछ हफ्तों तक उन फूड्स आइटम्स से दूर रहें और जानें कि क्या लक्षण दूर हो रहे हैं या नहीं।

एक अन्य विकल्प फूड चैलेंज है। इसमें, आपके डॉक्टर आपको फूड आइटम्स की रेंज देते हैं। इनमें एक या एक से अधिक फूड आइटम्स में डाई होती है, जिस पर आपको शंका है कि वे बीमारी का कारण बन रहे हैं। अगर आपको रिएकक्शन होता है, तो आपको पता चलेगा कि किससे हुआ है। इसमें कुछ जोखिम हो सकते हैं; इसलिए इसे आदर्श रूप से हॉस्पिटल में किया जाना चाहिए, ताकि रिएक्शन होने पर तुरंत इलाज हो सके।

एलर्जिक रिएक्शन की रोकथाम का एक और तरीका एलर्जी वाले फूड्स से जुड़े किसी भी फूड आइटम्स से बचना है। पूरी तरह से बचना कहना आसान है, लेकिन करना आसान नहीं है, क्योंकि कई फूड्स में डाई वहां भी हो सकती है, जहां आपको बिल्कुल भी उम्मीद नहीं होगी। वे कुछ दवाओं और सप्लीमेंट में भी हो सकती है।

बीमार होने वाले व्यक्ति के लिए एक बहुत ही बेहतर तरीका लेबल रीडर बनना और प्रत्येक प्रोडक्ट में शामिल आइटम्स के बारे में पढ़ना है। अगर आपको यह जानकारी नहीं मिलती है कि किस फूड आइटम्स या दवा में डाई है, तो आप निर्माता से फोन पर बात कर सकते हैं, या उनसे बच सकते हैं।

डॉ. अग्रवाल कहते हैं, “इलाज में एंटीहिस्टामाइन का उपयोग किया जाता है और एनाफिलेक्सिस जैसे गंभीर मामलों में स्टेरॉयड एड्रेनालाईन और ऑक्सीजन थेरेपी भी दी जाती है।”

आप फूड कलर से होने वाली एलर्जी के लक्षणों का इलाज करने के लिए ऑइंटमेंट जैसे एंटी-एलर्जी दवाओं का भी उपयोग कर सकते हैं, लेकिन ऐसा केवल डॉक्टर से सलाह लेकर ही करें।

अगर आपको पता है कि आपको गंभीर फूड डाई एलर्जी की समस्या है और अगर आपके डॉक्टर सलाह दें, तो आपको हमेशा एक एपिनेफ्रिन ऑटो-इंजेक्टर अपने साथ रखना चाहिए, जिसे गंभीर फूड डाई एलर्जी की स्थिति में शुरुआती ट्रीटमेंट के रूप में उपयोग किया जाता है।

अपना अनुभव/टिप्पणियां साझा करें

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

प्रचलित

लेख

लेख
चूंकि शोल्डर इम्पिंगमेंट सिंड्रोम रिवर्सिबल है, यह सलाह दी जाती है कि जैसे ही दर्द के शुरुआती लक्षण दिखाई दें, आप डॉक्टर से मिलें
लेख
महिलाओं में होने वाला योनी स्राव एक सामान्य और बहुत ही महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। ये एक क्रीमी सा अम्लीय (एसिडिक) पदार्थ होता है जो महिलाओं की योनि को नम बनाए रखने का काम करता है।
लेख
लेख
फल निस्संदेह सबसे अधिक पौष्टिक भोजन है। हालाँकि, कई लोग सवाल पूछते हैं कि फल खाने का सबसे अच्छा समय क्या है?
लेख
सही तरीके से सांस लेने और छोड़ने की तकनीक के बारे में जानें
लेख
गर्मियों की तपिश आपकी स्किन पर कहर बरपा सकती है। सूरज, हवा, यूवी किरणें और नमी सभी आपके स्किन पर अपना प्रभाव डालते हैं, जिससे यह निर्जलित और असुरक्षित हो जाता है। लेकिन चिंता न करें, इस लेख में दिए कुछ टिप्स से आप अपनी स्किन को सुरक्षित, हाइड्रेटेड और स्वस्थ रख सकते हैं।

0

0

0

0

0

0

Opt-in To Our Daily Healthzine

A potion of health & wellness delivered daily to your inbox

Personal stories and insights from doctors, plus practical tips on improving your happiness quotient

Opt-in To Our Daily Healthzine

A potion of health & wellness delivered daily to your inbox

Personal stories and insights from doctors, plus practical tips on improving your happiness quotient
We use cookies to customize your user experience, view our policy here

आपकी प्रतिक्रिया सफलतापूर्वक सबमिट कर दी गई है।

हैप्पीएस्ट हेल्थ की टीम जल्द से जल्द आप तक पहुंचेगी