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Alopecia Disease: इस पर नियंत्रण पाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय
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Alopecia Disease: इस पर नियंत्रण पाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय

एक युवा और हेल्दी इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी प्रोफेशनल के सिर पर अचानक बाल झड़ने लगे। उनके द्वारा आयुर्वेद  के माध्यम से  खालित्य रोग पर नियंत्रण पाने और खोए हुए बालों को फिर से उगाने की कोशिशों के बारे में जानें।

एक युवा और हेल्दी इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी प्रोफेशनल के सिर पर अचानक बाल झड़ने लगे। उनके द्वारा आयुर्वेद  के माध्यम से  खालित्य रोग पर नियंत्रण पाने और खोए हुए बालों को फिर से उगाने की कोशिशों के बारे में जानें।

प्रशांत थंगावेलन की उम्र 30 वर्ष से कुछ अधिक थी, तब उन्होंने पहली बार अपने सिर पर गंजेपन की पहचान की, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया।

एक महीने के भीतर ही लगभग छोटे से कॉइन के साइज़ का गंजापन बढ़कर बहुत बहुत बड़ा हो गया। चिंतित होकर, उन्होंने एक डर्माटोलोजिस्ट से मुलाकात की और उन्हें पता चला कि यह एलोपेसिया एरियाटा के कारण हुआ है, जिसमें बिना-घाव वाली सूजन की समस्या हो जाती है और बाल टुकड़ों में झड़ने लगते हैं।

32 वर्षीय बेंगलुरु के इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी प्रोफेशनल का कहना है, “मेरे बालों का झड़ना लगातार चिंता का कारण बन गया। शुरुआत में, मेरे स्कैल्प पर पैच की समस्या हुई, लेकिन मैंने इसे नज़रअंदाज कर दिया और अपनी रोज़ की ऐक्टिविटीज़ में लगा रहा।”

अपने बालों की समस्या के साथ, थंगावेलन एक बड़ी कंपनी में काम करते हैं। नेशनल एलोपेसिया एरियाटा फाउंडेशन के अनुसार, दुनिया भर में 147 मिलियन लोग एलोपेसिया एरियाटा से प्रभावित हैं, जिसमें जोखिम का प्रतिशत 2.1 है।

यह समस्या अलग-अलग तरीकों से सामने आ सकती है। इसमें स्कैल्प से बालों का पूरी तरह से झड़ने की समस्या हो सकती है, जिसे एलोपेसिया युनिवर्सलिस कहते  हैं या पूरे शरीर में संपूर्ण रूप से बालों का नुकसान हो सकता है, जिसे एलोपेसिया टोटलिस कहा जाता है या फिर एलोपेसिया एरियाटा की समस्या हो सकती है, जिसमें स्कैल्प और दाढ़ी पर गंजेपन के पैच हो जाते हैं।

एक्सपर्ट्स के अनुसार, बालों के रोम स्थायी रूप से समाप्त नहीं होते हैं और बालों के दोबारा उगने की संभावना अधिक होती है।

थंगावेलन इस समस्या के इलाज के लिए किए गए अपने शुरुआती कोशिशों को याद करते हुए कहते हैं, “शुरुआत में मुझे कॉर्टिसोन शॉट्स और कई दवा दिए गए, जिसके बाद मेरे बाल वापस आ आए, लेकिन अचानक फिर से बाल झड़ आए। मेरी चिंता बढ़ गईं क्योंकि दवा काम नहीं आ रही थी, इसलिए मैंने कुछ और नेचुरल तरीकों से इसका इलाज करने का फैसला किया।”

 

ऐसा क्यों होता है

यह समस्या सभी एज ग्रुप को हो सकती है और इस समस्या में किसी व्यक्ति का इम्यून सिस्टम शरीर के सामान्य सेल्स को बाहरी समझने लगता है और उन पर हमला करना शुरू कर देता है। फाउंडेशन का कहना है कि यह अभी भी पता नहीं चला है कि इम्यून सिस्टम द्वारा प्रभावित लोगों में स्वस्थ बालों के रोमों पर हमला करने का कारण क्या है।

यूके के ईस्टबॉर्न स्थित ईस्टबॉर्न डिस्ट्रिक्ट जनरल हॉस्पिटल के डिपार्टमेन्ट ऑफ डर्माटोलोजी द्वारा सोरियाटिक एलोपेसिया पर एक रिव्यू आर्टिकल के अनुसार, एलोपेसिया सीधे तौर पर सोरायसिस से संबंधित हो सकता है और स्कैल्प और शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है।

 

शारीरिक तत्वों के असंतुलन से होती है समस्या

आयुर्वेद के अनुसार, इंद्रलुप्त (इस समस्या का आयुर्वेद में नाम) की समस्या त्रिदोषों या शारीरिक उर्जा, मतलब वात (वायु तत्व), पित्त (अग्नि तत्व) और कफ (जल तत्व) के असंतुलन के कारण होती है। पित्त से शुरू करके, इलाज के दौरान तीनों दोषों पर नियंत्रण पाना चाहिए।

केरल के कोच्चि स्थित इंदीवरम आयुर्वेद के पंचकर्म विशेषज्ञ और चीफ फिज़िशन डॉ. अनाखा वेणुगोपाल ने हैप्पीएस्ट हेल्थ के साथ बातचीत में एलोपेसिया के आयुर्वेदिक दृष्टिकोण को समझाया।

क्लिनिक में थंगावेलन का इलाज करने वाले डॉ. वेणुगोपाल का कहना है “अनहेल्दी फूड्स की आदतों, मेटाबॉलिज्म में गड़बड़ी और अन्य पर्यावरणीय कारकों के कारणों, शारीरिक उर्जा के असंतुलन से बालों की जड़ें या रोमाकोपा प्रभावित होती हैं, जिससे बाल झड़ने लगते हैं। इससे हेयर फॉलिकल चैनल में समस्या होने लगती है, जिससे बालों की जड़ें ब्लॉक हो जाती हैं और नए बाल नहीं उग पाते हैं।”

डॉ. वेणुगोपाल के अनुसार, त्रिदोषों को ठीक करने के लिए सबसे पहले ब्लड क्लिंजिंग प्रोसीज़र किया जाता है। एलोपेसिया एरियाटा के मामले में, पहले शरीर के अतिरिक्त पित्त को हटाया जाता है और उसके बाद अन्य दो दोषों को ठीक किया जाता है।

इसके बाद प्रच्छन्नया स्क्रैपिंग टेक्निक का पालन किया जाता है, जिससे ब्लॉक रोमछिद्रों को खोला जाता है, ताकि बाल फिर से बढ़ सकें।

जड़ों के छिद्रों को खोलने के लिए कैलोट्रोपिस (स्थानीय स्तर पर अर्का या युक्का कहते हैं) की मोटी पत्तियों का उपयोग करके स्कैल्प पर सतही चीरे या खरोंच लगाए जाते हैं। यह बालों के रोम को ठीक करता है। इससे हल्के केपिलरी ब्लीडिंग के साथ बाल नेचुरल तरीके से बढ़ने लगते हैं।

 

इलाज के लिए धैर्य की आवश्यकता

डॉ. वेणुगोपाल का कहना है, ”यह थेरेपी एक हफ्ते तक की जाती है और बाद में मेडिसिनल पेस्ट लगाने की सलाह दी जाती है। प्रशांत का इलाज पहले कैलोट्रोपिस की पत्तियों से किया गया और बाद में एलोवेरा जेल लगाया गया।”

थंगावेलन ने कहा, ”इलाज लगभग 40 दिनों तक चला। हालांकि इलाज थोड़ा दर्दभरा था, लेकिन मेरे बाल स्वाभाविक रूप से बढ़ने लगे।”

कई मामलों में, इसे ठीक होने में 5-6 महीने लगते हैं, तो कई बार एक वर्ष का समय लग सकता है।

कैलोट्रोपिस पत्तियों की फैर्मकोलोजिकल इन्वेस्टिगेशन में यह पाया गया कि पत्तियों में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं और चक्कर आने की समस्या, गंजापन, बालों के झड़ने और रुमेटाइड आर्थराइटिस के इलाज के लिए इसका उपयोग किया जाता है। ब्लडलेटिंग के दौरान, पत्तियों की ऊनी बालों वाली लेयर केपिलरी ब्लीडिंग में मदद करती है।

 

कुछ रिसर्चों के बारे में पढ़ें

हालांकि, आयुर्वेद कहता है कि यह खालित्य रोग का इलाज कर सकता है, लेकिन इलाज को लेकर सुरक्षा और प्रभाव की कोई बड़े पैमाने पर ​​टेस्ट या व्यवस्थित रिपोर्ट नहीं है।

2021 में, प्रच्छन्नकर्म के साथ इंद्रलुप्ता (खालित्य रोग) को ठीक करने के लिए एक ओपन लेबल वाले सिंगल-आर्म क्लिनिकल टेस्ट में 32 प्रतिभागियों को चुना गया। इसमें पाया गया कि जिन मरीज़ों ने पथ्य या पौष्टिक, हल्के निर्धारित डायट का पालन किया, उन्होंने डायट का पालन नहीं करने वाले अन्य लोगों की तुलना में बेहतर असर हुआ।

नई दिल्ली के ऑल-इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ आयुर्वेद में 2017 में किए गए एक रिसर्च में, खालित्य रोग के एक मामले को ब्लड-लेटिंग थेरेपी और आयुर्वेदिक दवाओं के साथ ठीक किया गया था। पहले विरेचन (जड़ी-बूटियों के साथ चिकित्सकीय रूप से नियंत्रित करने की पद्धति) किया गया और फिर बाद में आंतरिक और बाहरी दवाओं के साथ प्रच्छन्नकिया गया। इससे 73 दिनों के बाद बाल दोबारा उग आए।

 

हेल्दी फूड्स और लाइफस्टाइल

डॉ. वेणुगोपाल सावधान करते हैं, “केवल इससे ही इलाज पूरा नहीं होता है, बल्कि आपको नियमित फॉलो-अप की ज़रूरत होती है। एलोपेसिया एरियाटा को ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक डायट, न्यूट्रिशन और रसायन (रिजुवेनेशन) से अच्छे से ठीक किया जा सकता है। एक बार जब बाल दोबारा उग आएं, तो आपको अपने खान-पान का तरीका बदलना होगा और अपनी चिंता को नियंत्रित करना होगा। इस तरह, आप अपने दोबारा उगे बालों को बनाए रख सकते हैं।

 

बालों को बचाने के लिए एक्सपर्ट टिप्स

डॉ. वेणुगोपाल बालों (खासकर स्पॉट गंजापन के मामले में) के स्वास्थ्य में सुधार के लिए आदतों और न्यूट्रिशन में कुछ बदलाव का सुझाव देते हैंः

  • हाइड्रेटेड रहें
  • सप्ताह में कम से कम दो बार अपने सिर की मालिश करें और गर्म नारियल तेल, कैस्टर ऑयल या किसी नेचुरल ऑयल से स्नान करें।
  • ऑयली फूड्स, अत्यधिक नमकीन या मसालेदार डायट, रेड मीट, डिब्बाबंद फूड्स, व्हाइट राइस, ब्रेड, शुगर और सिंपल कार्बोहाइड्रेट से बचें।
  • मौसमी और घर का बना फूड्स, फलियां, दालें, साबुत अनाज, अन्य फलियां, फल, सब्जियां, नट्स और मेवे का सेवन करें।

 

सब्जियां: लौकी, करेला और बैंगन खाएं।

मसाले: मेथी, हल्दी, अदरक और जीरा का सेवन करें।

  • दही की जगह छाछ लें।
  • विटामिन D और विटामिन B का पर्याप्त लेवल बनाए रखें।
  • रोज़ कम से कम 10-15 मिनट तक मेडिटेशन या योग करें।

उन्होंने कहा, “इसके अलावा, गुड़हल के फूलों और पत्तियों से बने नेचुरल शैम्पू का उपयोग करें। गुड़हल के फूल और पत्तियों को तीन से चार मिनट तक पानी में उबालें। ठंडे अर्क को शैम्पू के रूप में उपयोग करें।”

इलाज के बाद, थंगावेलन को पता चल गया है कि उसे आगे क्या करना है। उन्होंने कहा, ”मैं पूरी तरह से समझता हूं कि बालों का दोबारा उगना कोई स्थायी इलाज नहीं है। मैं अब जंक फूड नहीं खाकर, स्ट्रेस नहीं लेकर और कोई उपाय न करके इस मेहनत को बर्बाद नहीं करूंगा। मुझे पता है कि मुझे इसके लिए रोज़ काम करना होगा है लाइफस्टाइल को बदलना होगा।

डिस्क्लेमर: खालित्य रोग से पीड़ित हर व्यक्ति को एक ही इलाज की ज़रूरत नहीं होती है। यह आर्टिकल एलोपेसिया के नियंत्रण के लिए आयुर्वेदिक ब्लडलेटिंग प्रोसीज़र पर आधारित है। कृपया ध्यान दें कि इलाज के लिए हाई ट्रेनिंग प्राप्त आयुर्वेदिक डॉक्टर्स की ज़रूरत होती है। डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट के विकल्पों की पूरी जानकारी के लिए अपने डॉक्टर्स से  सलाह लें।

 

 

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