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गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के दौरान पुरुषों की भूमिका
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गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के दौरान पुरुषों की भूमिका

किसी एंड्रोलॉजिस्ट के पास जाना हो या प्रीनेटल अपॉइंटमेंट लेनी हो, गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के दौरान पुरुषों को कई महत्वपूर्ण काम करने होते हैं।

किसी एंड्रोलॉजिस्ट के पास जाना हो या प्रीनेटल अपॉइंटमेंट लेनी हो, गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के दौरान पुरुषों को कई महत्वपूर्ण काम करने होते हैं।

शिशु का जन्म अपार खुशियां देता है, लेकिन इसके लिए गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के दौरान माता और पिता, दोनों को समान रूप से सभी ज़िम्मेदारियां निभानी पड़ती हैं और अपनी-अपनी तरफ से हर संभव योगदान देना होता है।

जब कोई महिला गर्भवती होती है, तो केवल महिला ही गर्भावस्था से प्रभावित नहीं होती, बल्कि पुरुष भी गर्भावस्था से प्रभावित होते हैं। जिस तरह महिलाएं गर्भावस्था के लिए तैयारी करती हैं, उसी तरह पुरुषों को भी जीवन की इस महत्वपूर्ण घटना के लिए तैयार होने के लिए सभी ज़रूर कदम उठाने चाहिए।

गर्भावस्था की प्लानिंग करने से पहले मानसिक और भावनात्मक रूप से तैयार रहना, शारीरिक फिटनेस बनाए रखना, संतुलित डायट लेना और किसी भी मेडिकल कंडीशन (इरेक्टाइल डिसफंक्शन, इन्फर्टिलिटी या नपुंसकता) के लिए टेस्ट करना अनिवार्य है।

यूएसए के साउथ फ्लोरिडा स्थित मेमोरियल हेल्थकेयर सिस्टम के यूरोलॉजिस्ट और मेन्स हेल्थ स्पेशलिस्ट डॉ. जस्टिन डबिन कहते हैं, “बांझपन के लगभग 50 प्रतिशत मामलों में पुरुष कारक शामिल हैं। लगभग 30 प्रतिशत मामलों में समस्या पूरी तरह से पुरुषों के साथ ही होती है।”

चेन्नई के अपोलो हॉस्पिटल्स के माइक्रोसर्जिकल एंड्रोलॉजिस्ट और यूरोलॉजिस्ट डॉ. कार्तिकेयन वीएस के अनुसार, “युवा जोड़ों में बांझपन की समस्या बढ़ती जा रही है, इसलिए गर्भधारण के लिए पुरुषों को भी समान रूप से ज़िम्मेदार समझा जाना चाहिए।”

गर्भधारण से पहले: ध्यान रखने योग्य बातें

डॉ. कार्तिकेयन ने कहा कि अगर महिला को गर्भवती होने में देरी हो रही है, तो पुरुषों को आगे बढ़कर अपनी जांच करानी चाहिए और समस्या होने पर इलाज कराने के लिए समान रूप से कोशिश करनी चाहिए। महिलाओं को दोष देने के वे दिन गए, जब समाज हमेशा यही सोचता था कि बांझपन केवल महिला से जुड़ी समस्या है।

डॉ. कार्तिकेयन कहते हैं, “इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ED) या प्रीमेच्योर एजेक्युलेशन से पीड़ित पुरुषों को एंड्रोलॉजिस्ट से सलाह लेने में ज़रा भी संकोच नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह शर्मिंदा होने या समस्या को टालने की बात नहीं है। जितनी जल्दी इलाज शुरू होगा, उतना बेहतर और प्रभावी होगा। पुरुष यौन समस्याओं का इलाज किया जा सकता है और दंपत्ति समान रूप से माता-पिता बन सकते हैं। इसमें पत्नी की सभी चिंताएं खत्म हो जाती है और उसे शांति और संतुष्टि मिलती है।”

पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन लेवल

अमेरिकन न्यूरोलॉजी के दिशानिर्देशों के अनुसार, पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का आदर्श लेवल लगभग 452-600 ng/dL है और 300 ng/dL से कम लेवल को टेस्टोस्टेरोन लेवल में कमी माना जाता है।

डॉ. डबिन कहते हैं, “इसके कई तरह के लक्षण सामने आते हैं, जैसे कम ऊर्जावान महसूस करना, थकान, शरीर के बालों का झड़ना, चेहरे के बालों का झड़ना, गाइनेकोमेस्टिया (पुरुष में स्तनों का बढ़ना), ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, मूड संबंधी समस्याएं, वज़न कम करने में असमर्थता और मांसपेशियों का कम होना। इन लक्षणों का अनुभव करने वाले पुरुषों को डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि इन्हें नजरअंदाज करने से बांझपन हो सकता है।”

गर्भावस्था के दौरान पुरुषों को क्या करना चाहिए?

पुरुषों को पता होना चाहिए कि गर्भावस्था के दौरान अपनी पत्नी की देखभाल कैसे करें। डॉ. कार्तिकेयन कहते हैं, “महिलाओं को गर्भवती होने के सामाजिक दबाव के कारण बहुत स्ट्रेस और तनाव का अनुभव होता है। गर्भावस्था के दौरान भी दबाव जारी ही रहता है। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान पति को महिलाओं की देखभाल चाहिए, समस्याओं को दूर करना चाहिए, करुणा और प्यार देना चाहिए, जो पत्नियों को उम्मीद होती है।”

डॉ. कार्तिकेयन बताते हैं कि उनके रोज़ के कामों में मदद करना, एक साथ रहना, उनके आराम की व्यवस्था बनाना (विशेष रूप से सुबह के समय कमज़ोर महसूस होने के दौरान) और ऑब्स्टेट्रिशियन के साथ उनके नियमित कंसल्टेंशन की प्लानिंग बनाने से काफी मदद मिल सकती है।

वह विशेष रूप से कहते हैं, “अनावश्यक झगड़ों से बचें, एक साथ समय बिताएं और यह सुनिश्चित करें कि पत्नी ने अपनी दवाएं ले ली हैं। इससे बहुत मदद मिल सकती है। इसके अलावा, हमेशा याद रखें कि पति और पत्नी दोनों एक साथ जुड़े हुए होते हैं, और केवल महिला को ही गर्भावस्था और शिशु के जन्म के बारे में चिंतित नहीं होना चाहिए।”

पुरुषों के लिए गर्भावस्था के सुझाव

जयपुर स्थित मेन्स हेल्थ कोच और इंस्टीट्यूट ऑफ एंड्रोलॉजी एंड सेक्सुअल हेल्थ (IASH) के फाउंडर, और एंड्रोलॉजिस्ट डॉ. चिराग भंडारी कहते हैं, “गर्भावस्था के दौरान पुरुषों को निम्न उपायों का पालन करना चाहिए:

  • मानसिक और भावनात्मक रूप से तैयार रहें: पिता बनना जीवन में एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जिसके लिए बहुत अधिक भावनात्मक और मानसिक तैयारी की आवश्यकता होती है। पुरुषों को पिता बनने की नई ज़िम्मेदारी लेने के लिए तैयार रहना चाहिए।
  • शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें: पुरुषों को ऐक्टिव लाइफस्टाइल अपनाकर अपने शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए। 30-40 मिनट (प्रति सप्ताह कम से कम तीन से चार बार) एक्सरसाइज़ करने के अलावा, उन्हें स्ट्रेस कम करने के लिए योग और मेडिटेशन भी करना चाहिए।
  • हेल्दी डायट लें: हेल्दी डायट लें, जिसमें फल, सब्जियां, फलियां और अंडे शामिल हों। इनसे पुरुषों को अपने संपर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और सेक्शुअल हेल्थ को ठीक रखने में मदद मिल सकती है।
  • मेडिकल समस्याओं के लिए जांच कराएं: पुरुषों को ED, बांझपन या नपुसंकता जैसी मेडिकल समस्याओं के लिए जांच करानी चाहिए। उन्हें इनफर्टिलिटी पर प्रभाव डालने वाली किसी भी संभावित समस्याओं की जांच करने के लिए सीमेन एनालिसिस करा सकते हैं। किसी समस्या का पता चलने पर गर्भावस्था की प्लानिंग से पहले अपना इलाज कराना चाहिए।
  • सहायक बनें और सम्मिलित रहें: पुरुषों को संपूर्ण गर्भावस्था के दौरान सहायक बनते हुए सम्मिलित रहना चाहिए। उन्हें प्रीनेटल अपॉइंटमेंट में साथ रहना चाहिए, घरेलू कामों में मदद करनी चाहिए और गर्भावस्था के दौरान अपने साथी को सहज बनाना चाहिए।

संक्षिप्त विवरण

  • बांझपन सिर्फ महिलाओं की समस्या नहीं है। पुरुषों और महिलाओं, दोनों को ऐसी समस्याएं हो सकती हैं, जो फर्टिलिटी क्षमता को प्रभावित करती हैं। लगभग 50 प्रतिशत मामलों में पुरुष कारक शामिल हैं।
  • गर्भावस्था से पहले और उसके दौरान मानसिक रूप से तैयार रहना, ऐक्टिव लाइफस्टाइल बनाए रखना, समस्याओं की जांच कराना और सहायक बने रहना जैसे उपाय करना ज़रूरी हैं।

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