लिवर को स्वस्थ रखने के लिए न्यूट्रीशियस डायट मेंटेंन रखें, नियमित एक्सरसाइज़ करें और हेपेटाइटिस की वैक्सीन लें। डॉ. सोमशेखर राव (हेपेटोलॉजिस्ट और गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट), डॉ. रोहन बडावे (गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट), डॉ. नीलमेकम थोप्पा कपाली (गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट और लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन) के कोटेशन के साथ
वायरल इन्फेक्शन से मुख्य रूप से हेपेटाइटिस के इन्फेक्शन की संभावना बढ़ जाती है और मानसून में इसकी संभावना और भी अधिक बढ़ जाती है। एक्सपर्ट बताते हैं कि चाहे आपको वर्तमान में लिवर की कोई बीमारी हो या न हो, लेकिन ऐसे समय अपने स्वास्थ्य की देखभाल करना आपकी प्राथमिकताओं में से एक होना चाहिए।
हेपेटाइटिस के पांच प्रकार में से हेपेटाइटिस, हेपेटाइटिस A और E दूषित भोजन और पानी से होते हैं; इन सभी वायरल स्ट्रेन से लिवर प्रभावित होता है। हैदराबाद के जुबली हिल्स स्थित अपोलो हॉस्पिटल्स के कंसलटेंट हेपेटोलॉजिस्ट और गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सोमशेखर राव कहते हैं, “मानसून के दौरान महिलाओं को विशेष रूप से जोखिम होता है और उन्हें हेपेटाइटिस A और E का जोखिम अधिक होता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को इन वायरल इन्फेक्शन्स से बचने के लिए बाहरी फूड्स या पानी का सेवन करने से बचना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल बदलाव इन वायरस के प्रभाव को अधिक गंभीर बनाते हैं, जिससे मृत्यु दरों में बढ़ोतरी हो जाती है।”
-
दूषित भोजन और पानी से बचें
गोवा के मणिपाल हॉस्पिटल्स के मेडिकल गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग के कंसल्टेंट डॉ. रोहन बदवे कहते हैं, “मानसून के दौरान भोजन करते समय और पानी पीते समय सावधान रहना चाहिए। सड़क किनारे खड़े रहने वाले लोगों से फल और सब्जियां नहीं खरीदनी चाहिए।”
डॉ. बदवे कहते हैं कि ऐसे भोजन में वायरस हो सकते हैं, जो हेपेटाइटिस ए और E का कारण बन सकते हैं। इसलिए रोडसाइड स्टॉल पर खाने, पहले से कटे हुए फल खाने और पानीपुरी जैसे स्ट्रीट फूड आइटम्स से बचें, जहां दूषित पानी का उपयोग किया जा सकता है। कच्चे फल और सब्जियां भी सामान्य रूप से इन्फेक्शन के कारण हो सकते हैं।
-
इन लक्षणों का ध्यान रखें
चेन्नई के अड्यार के फोर्टिस मलार के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी और लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन और एचओडी डॉ. नीलमेकम थोप्पा कपाली कहते हैं कि हेपेटाइटिस को अक्सर एक साइलेंट किलर माना जाता है, क्योंकि इसके लक्षण पर ध्यान नहीं दिया जा सकता है। हेपेटाइटिस के हल्के लक्षणों में भूख न लगना, सूजन, थकान की समस्या हो सकती है। उन्होंने सलाह दी है कि इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होने पर लोग अपने डॉक्टर से सलाह लें।
-
हेल्दी डायट ज़रूरी है
डॉ. राव ने सलाह दी है कि जंक फूड और प्रोसेस्ड आइटम्स से बचें और फ्रेश, होममेड फूड्स का उपयोग करें। लिवर को फायदा पहुंचाने वाले फूड्स, जैसे बीटरूट, नट्स और एवोकैडो का सेवन करें, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो न केवल लिवर के हेल्थ को ठीक करते हैं, बल्कि इम्यूनिटी को भी बढ़ाते हैं।
-
अच्छी स्वच्छता का पालन करें
बीमारी के जोखिम को कम करने के लिए सबसे आसान और असरदार उपाय है कि स्वच्छता बनाए रखें। बारिश के दौरान पर्सनल हाइजीन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। मानसून के दौरान आर्द्रता से बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन वाले जीवों को वृद्धि करने में मदद मिलती है। डॉ. राव ने कहा कि हमेशा अपने हाथों को साफ रखें, विशेष रूप से खाना खाने के पहले हाथ ज़रूर धो लें।
-
हमेशा हाइड्रेट रहें
डॉ. राव ने कहा कि पानी को उबालें, इसे ठंडा होने दें और फिर पिएं। हमेशा साफ पानी पीना चाहिए, लेकिन मानसून के दौरान साफ पानी पीना ज़रूरी है, क्योंकि पानी में होने वाली बीमारी का जोखिम अधिक होता है। इस सीजन में हाइड्रेट रहना बहुत ज़रूरी है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और लिवर फंक्शन को ठीक रखने में मदद करता है।
-
नियमित रूप से एक्सरसाइज़ करें
डॉ. राव कहते हैं, “मानसून के दौरान बहुत लोग एक्सरसाइज़ नहीं कर पाते हैं, लेकिन इसे छोड़ना नहीं चाहिए। नियमित एक्सरसाइज़ ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है, शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और शरीर के तापमान को ठीक रखता है। रोज़ कम से कम 20 से 30 मिनट तक मध्यम लेवल की एक्सरसाइज़ करें।”
डॉ. कपाली के अनुसार, “मानसून में बाहरी ऐक्टिविटीज़ सीमित हो जाती हैं, लेकिन लोग योग और अन्य फिटनेस रूटीन घर में ही कर सकते हैं। मानसून के दौरान लिवर के बेहतर स्वास्थ्य के लिए नियमित एक्सरसाइज़ ज़रूरी है।”
-
हेपेटाइटिस की वैक्सीन नहीं लिए हैं, तो तुरंत लें
डॉ. कपाली कहते हैं कि अगर आपकी उम्र 18 वर्ष से अधिक हैं और आपने हेपेटाइटिस A की वैक्सीनेशन नहीं ली है, तो तुरंत वैक्सीन लें। वैक्सीनेशन से लिवर से संबंधित बीमारियों पर रोक लगती है और हेपेटाइटिस A से होने वाली गंभीरता में भी कमी आती है।
डॉक्टर्स के अनुसार, “यही बात हैपेटाइटिस B (लिक्विड के माध्यम से फैलने वाली बीमारी) वैक्सीन पर भी लागू होती है। अगर आपको अधिक जोखिम है, तो आपको हेपेटाइटिस B की भी वैक्सीन लें।