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liver health: आपके लीवर के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित करने वाले 7 कारक
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liver health: आपके लीवर के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित करने वाले 7 कारक

आसान, हेल्दी डायट और लाइफस्टाइल से आपके  लीवर के स्वास्थ्य पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। लीवर शरीर का बहुत ही उपयोगी अंग है और कई तरह के काम करता है।

आसान, हेल्दी डायट और लाइफस्टाइल से आपके  लीवर के स्वास्थ्य पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। लीवर शरीर का बहुत ही उपयोगी अंग है और कई तरह के काम करता है। लीवर डाइजेशन और डीटॉक्सिफिकेशन से लेकर कोलेस्ट्रॉल के नियंत्रण तक, लगभग सभी महत्वपूर्ण शारीरिक कामों को सुचारू रूप से पूरा करने में योगदान देता है। लीवर से संबंधित बीमारियों की सबसे खतरनाक बात यह है कि इनके लक्षण शुरुआत में महसूस नहीं होते हैं और इसलिए अधिकतर बीमारियों पर शुरुआत में अक्सर ध्यान नहीं दिया जाता है।

आपको शायद यह पता होगा कि लीवर के टिश्यू में कुछ ऐसे गुण होते हैं, जिनसे यह अपनी कुछ समस्याओं का अपने आप ही इलाज कर लेते हैं, लेकिन लीवर की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का जल्द से जल्द पता लगाकर इलाज करना चाहिए। अच्छी बात यह है कि लीवर के स्वास्थ्य को हेल्दी डायट और लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर नियंत्रित किया जा सकता है। समय-समय पर लीवर की जांच कराने पर भी लीवर के स्वास्थ्य पर नियंत्रण पाने में मदद मिलती है। हैप्पीएस्ट हेल्थ ने एक्सपर्ट्स से बातचीत के आधार पर यहां कुछ सामान्य लाइफस्टाइल जोखिम के कारकों की जानकारी दी है, जो सीधे आपके लीवर के स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।

 

धूम्रपान

लंबे समय तक सिगरेट पीने से लेकर नॉन-अल्कोहल फैटी लीवर रोग (NAFLD) होने से लीवर रोग का जोखिम काफी बढ़ जाता है और यह समस्या लीवर में अतिरिक्त फैट जमा होने के कारण होती है।

पुणे के सह्याद्री हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. क्षितिज कोठारी बताते हैं कि निकोटीन और कार्बन मोनोऑक्साइड सहित तंबाकू के धुएं में मौजूद नुकसानदायक पदार्थ और कार्सिनोजेन, लीवर के काम में रुकावट बनते हैं। धूम्रपान से लीवर में सूजन और फाइब्रोसिस की समस्या होती है, जिससे सिरोसिस और लीवर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।

 

अनियमित डायट और सप्लीमेंट्स

लीवर शरीर से नुकसानदायक पदार्थों को बाहर निकालता है। ऐसे में नुकसानदायक पदार्थों का अधिक सेवन करने से लीवर पर अधिक दबाव पड़ता है और लीवर को नुकसान पहुंचता है। डॉक्टर्स की सलाह के बिना डायट और न्यूट्रिशन सप्लीमेंट्स, विशेष रूप से फैट में घुलनशील विटामिन सप्लीमेंट्स और अन्य फिटनेस सप्लीमेंट का अनियमित रूप से सेवन करना लीवर टॉक्सिसिटी का एक आम कारण है। विटामिन A और D जैसे अतिरिक्त फैट में घुलनशील विटामिन लीवर के टिश्यू में जमा हो जाते हैं और फैटी लीवर रोग का कारण बन सकते हैं।

डॉ. कोठारी बताते हैं कि विटामिन A का लेवल बहुत अधिक होने पर लीवर की मेटाबॉलिज्म और नुकसानदायक पदार्थों को निकालने की क्षमता कम हो जाती है। लंबे समय तक या बहुत अधिक विटामिन A का सेवन करने से विटामिन A हेपेटोटॉक्सिसिटी और लीवर की अन्य समस्या का कारण बन सकता है। एक्सपर्ट लीवर की खराबी से बचने के लिए नेचुरल सप्लीमेंट्स का सेवन करने की सलाह देते हैं, जो आपको रोज़ डायट से मिलता हो।

 

शराब का सेवन

लंबे समय तक शराब के सेवन से लीवर के टिश्यू में सूजन और घाव हो सकते हैं, जिससे सही तरह से काम करने की इसकी  क्षमता कम हो जाती है।

आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के मणिपाल हॉस्पिटल के सीनियर लिवर स्पेशलिस्ट और ट्रांसप्लांट सर्जन और साउथ एशियन लीवर इंस्टीट्यूट के फाउंडर प्रोफेसर डॉ. टॉम चेरियन बताते हैं कि शराब के बहुत सेवन (जो लीवर द्वारा मेटाबॉलिज्म होता है) से अल्कोहलिक फैटी लीवर रोग, अल्कोहलिक हेपेटाइटिस और सिरोसिस की बीमारी हो सकती है।

एक रिसर्च के अनुसार, भोजन के समय के अलावा शराब का सेवन करने और एक ही समय में विभिन्न प्रकार के एल्कोहॅलिक ड्रिंक्स पीने से एल्कोहॅल से होने वाली लीवर की बीमारी का जोखिम बढ़ जाता है।

 

शुगरयुक्त और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स

डॉ. चेरियन का कहना है, “हाई शुगर वाली मिठाइयों और ड्रिंक्स के नियमित सेवन से नॉन-अल्कोहोलिक फैटी  लीवर रोग हो सकता है। शुगर वाले सॉफ्ट ड्रिंक्स और डायट सोडा में फ्रुक्टोज के रूप में बहुत अधिक मात्रा में अतिरिक्त शुगर होती है, जो आपके  लीवर पर दबाव डालती है। इसलिए सॉफ्ट ड्रिंक्स का सेवन कम से कम करें और हाइड्रेट रहने के लिए अधिक पानी पिएं।”

रेगुलर सॉफ्ट ड्रिंक्स और फ्रूट ड्रिंक्स में हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप (HFCS) या शुगर की बहुत अधिक मात्रा होती है। वर्ल्ड जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में प्रकाशित एक आर्टिकल के अनुसार, सॉफ्ट ड्रिंक्स का सेवन करने से मेटाबोलिक सिंड्रोम की समस्या हो सकती है और NAFLD बढ़ सकता है।

 

नीडल्स शेयर करना

डॉ. कोठारी ने कहा कि अनस्टेराइल टैटू बनवाने से लीवर को कई तरह के जोखिम हो सकते हैं। विशेष रूप से वायरल इन्फेक्शन हेपेटाइटिस C की समस्या हो सकती है, जो लीवर को बीमार बनाता है और इन्फेक्शन का जोखिम बढ़ाता है। हेपेटाइटिस C दूषित टूल या कीटाणु वाले नीडल्स से टैटू बनवाने से फैल सकता है।

डॉ. चेरियन का कहना है कि हेपेटाइटिस B और C ब्लड में होने वाली बीमारी हैं, जो दूषित नीडल्स के इस्तेमाल से फैल सकते हैं। अगर टैटू पार्लर और नाई की दुकानों जैसी जगहों पर नीडल्स या रेजर ब्लेड का उपयोग हेपेटाइटिस C वाले किसी व्यक्ति पर किया जाता है, तो उन्हें उपयोग के तुरंत बाद समाप्त कर देना चाहिए या हटा देना चाहिए, क्योंकि दूसरे कस्टमर को यह बीमारी फैली सकती है।

 

कम पानी का सेवन

कोलकाता के आनंदपुर के फोर्टिस हॉस्पिटल में कंसल्टेंट गैस्ट्रोएनटेरोलोजिस्ट डॉ. कृष्णु बनिक का कहना है कि लीवर अपने फंक्शन को सही तरीके से पूरा करने के लिए पर्याप्त लिक्विड पदार्थों पर निर्भर करता है और पानी नुकसानदायक पदार्थों को निकालने में मदद करता है। इसलिए डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में लिक्विड पदार्थ पिएं।

यह लीवर द्वारा ब्लड फ्लो को सही रखने में मदद करता है। इससे शराब और अन्य केमिकल्स जैसे नुकसानदयक पदार्थ सही से फिल्टर हो जाते हैं। ध्यान रखें कि डिहाइड्रेशन होने पर शरीर से नुकसानदायक पदार्थों को निकालने की लीवर की क्षमता कम हो जाती है।

 

रात में देर से डिनर करना और डिनर में भारी भोजन खाना

डॉ. चेरियन बताते हैं कि रात में देर से भारी भोजन करना और उसके तुरंत बाद सोने से फैटी लीवर की समस्या हो सकती हैं। जब सोने से पहले खाना पूरी तरह से नहीं पचता है, तो लीवर में फैट जमा हो जाती है, जो समय के साथ इसे नुकसान पहुंचाती है। इसलिए लीवर को स्वस्थ रखने के लिए रात में हल्का भोजना करें और सोने से पहले कम से कम दो से तीन घंटे का अंतर रखें।

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