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डांस और मूवमेंट थेरेपी के साथ अपने आपको बनाएं स्वस्थ
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डांस और मूवमेंट थेरेपी के साथ अपने आपको बनाएं स्वस्थ

आसान स्टेप से लेकर तेज़ ऐक्टिविटी तक, डांस और मूवमेंट से लोग अपने पुराने दर्द (क्रोनिक दर्द) का उपचार कर सकते हैं।

आसान स्टेप से लेकर तेज़ ऐक्टिविटी तक, डांस और मूवमेंट से लोग अपने पुराने दर्द (क्रोनिक दर्द) का उपचार कर सकते हैं।

शरीर के पुराने दर्द (क्रोनिक दर्द) कई कारणों से उभर सकते हैं, जिनमें चोट, सूजन,  नर्व डैमेज से लेकर कई मेडिकल कंडीशन शामिल हो सकते हैं। इससे राहत पाने के लिए किसी प्रोफेशनल की मदद लेना और शारीरिक कारणों की पहचान करके उसे दूर करने से मदद मिल सकती है। हालांकि, इसके बाद भी यह संभावना बनी रहती है कि इलाज या समाधान होने के बाद भी दर्द उभरने से संबंधित मनोवैज्ञानिक कारण, जैसे स्ट्रेस, एंग्जायटी, डिप्रेशन, ट्रॉमा और मालाडाप्टिव कॉपिंग सिस्टम दर्द का कारण बन सकते हैं। इसलिए, संपूर्ण समाधान के लिए दर्द के शारीरिक और मानसिक, दोनों कारणों का समाधान ज़रूरी है। डांस और मूवमेंट थेरेपी इसी का एक नया तरीका है, जो दर्द के मानसिक कारणों का समाधान करता है और मूवमेंट की शक्ति से लंबे समय तक दर्द को कम करने का काम करता है।

 

डांस और मूवमेंट क्रोनिक दर्द का उपाय कैसे बनते हैं?

क्रोनिक दर्द से राहत पाने के लिए डांस और मूवमेंट थेरेपी किस तरह से प्रभावित करते हैं, इसका अंदाजा लगाने के लिए इस बात को जानना ज़रूरी है कि ये जीवन के किन पहलुओं को प्रभावित करते हैं। आपने देखा होगा कि जब किसी तरह का दर्द, विशेष रूप से क्रोनिक दर्द होता है, तो सामान्य रूप से शारीरिक और मानसिक परेशानियां, दोनों इसके कारण होते हैं।

मुंबई की डांस मूवमेंट साइकोथेरेपिस्ट और क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट  देविका मेहता कदम ने कहा,  “इसमें कई अन्य मेडिकल उपायों के विपरीत हम एक ही क्षेत्र या फंक्शन पर ध्यान केंद्रित करते हैं। हम व्यक्ति के विचारों, भावनाओं और अपने दर्द होने से जुड़े विश्वासों की जांच करते हैं। हम यह जांच करते हैं कि दर्द व्यक्ति के सामाजिक, प्रोफेशनल और व्यक्तिगत जीवन को कैसे प्रभावित करता है और ये चीजें एक-दूसरे से कैसे संबंधित हैं। विभिन्न मूवमेंट पैटर्न के माध्यम से, डांस और मूवमेंट थेरेपी में यह पता लगाया जाता है कि लोग अपने शरीर से कैसे जुड़े हुए हैं।”

कदम कहती हैं, “दर्द से राहत पाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अलग-अलग सेशन की ज़रूरत होती है। किसी व्यक्ति के इलाज में कितने सेशन की ज़रूरत है, यह उसकी बीमारी की गंभीरता पर निर्भर है। डांस और मूवमेंट थेरेपी में ऐसी कोई स्टाइल सेट नहीं होती है, जो सभी लोगों के लिए एक समान काम आए। जो भी किया जाता है, उसे मूवमेंट के रूप में गणना किया जाता है।”

कदम कहती हैं, “अलग-अलग व्यक्ति को दर्द से जुड़ी यादें और अनुभव अलग-अलग प्रकार का हो सकता है। हम उन यादों के प्रभाव को कम करने की कोशिश करते हैं। उन यादों के सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने वाले मूवमेंट को उनके अनुकूल बनाने की कोशिश करते हैं और दर्द के अनुभव के प्रभाव को कम करने की कोशिश करते हैं।”

वह कहती हैं कि उदाहरण के लिए, अगर कोई महिला बच्चे को जन्म देने के बाद लगातार शारीरिक के दर्द से पीड़ित है, तो हम सकारात्मक पलों पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करते हैं और न कि उन्हें होने वाले दर्द पर ध्यान देते हैं। उदाहरण के लिए, हम महिलाओं को उन पलों की याद कराते हैं, जब उनका बच्चा पहली बार उनको देखकर मुस्कुराया था या जब उन्होंने अपने बच्चे से आंख मिलाई थी, तो कैसा अनुभव हुआ था। इससे उन्हें वर्तमान में हो रहे दर्द का कम एहसास होने लगता है।

 

डांस और मूवमेंट थेरेपी से उपचार कैसे होता है

अलग-अलग लोग अपनी भावनाओं को अलग रूप से व्यक्त करते हैं। कोई व्यक्ति अपने गुस्से को व्यक्त करने के लिए अपने पैरों को हिलाता है, तो दूसरे व्यक्ति हाथ के इशारे से या कंधों को तनावपूर्ण रखकर गुस्से को व्यक्त करता है।

दिल्ली से साइकोथेरेपिस्ट, और ड्रामा और मूवमेंट थेरेपिस्ट अंशुमा क्षेत्रपाल कहती हैं, “हम उन विशेष तरीकों की पहचान करने की कोशिश करते हैं, जिनसे आपका शरीर आपकी भावनाओं को व्यक्त करता है।”

क्षेत्रपाल कहती हैं, “मेरे साथ ऐसा कई बार हुआ, जब मैंने अपने कस्टमर्स को सांस लेने की प्रैक्टिस कराई है, क्योंकि वे लोग छोटी-छोटी सांसें लेते थे और इसी तरह अपना जीवन जीते थे। इसमें डांस मूवमेंट बहुत आसान हो सकता है या फिर बहुत सारे मेटाफर्स और इंटरप्रेटिव मूवमेंट के साथ बहुत जटिल हो सकता है। सामान्य रूप से कहा जाए, तो जब आप मूव करते हैं, तो कैथर्सिस होना चाहिए और आपको अपने मूवमेंट के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त करना या प्रदर्शित करना आना चाहिए। दर्द से राहत पाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अलग-अलग सेशन की ज़रूरत होती है और यह गंभीरता पर निर्भर है।

क्षेत्रपाल कहती हैं, “अगर किसी व्यक्ति को 10 साल से दर्द हो रहा है और अगर अब वे मेरे पास मदद के लिए आए हैं, तो इससे यह पता चलता है कि उन्होंने कई अलग-अलग जगहों पर दर्द से मुक्ति पाने के लिए सलाह ली होगी और समाधान नहीं मिलने पर ही मेरे पास आए हैं। इसके साथ ही, यह भी निश्चित है कि इस बीच समस्या बहुत खराब हो गई होगी और उनको बुरी तरह से जकड़ चुकी होगी।”

जब भी कोई व्यक्ति हमारे पास आता है, तो हम उनकी जांच करते हैं और जांच के अनुसार प्रत्येक सेशन का एक विशेष पैटर्न (यह देखते हुए कि व्यक्ति कैसा महसूस करता है और उनकी ऊर्जा का लेवल क्या होता है) निर्धारित किया जाता है। इसके बाद मुख्य रूप से उनके अनुभव की जांच (यह देखते हुए कि वे अपनी भावनाओं को कैसे प्रकट करते हैं) की जाती है।

 

डांस और मूवमेंट थेरेपी से कौन लाभ प्राप्त कर सकता है?

सभी उम्र और बैकग्राउंड के लोग, जिन्हें क्रोनिक दर्द की समस्या है, वे व्यापक दृष्टिकोण के साथ डांस थेरेपी का लाभ उठा सकते हैं। कदम ने तीन अलग-अलग ग्रुप के लोगों की लिस्ट बनाई है, जिन्होंने डांस और मूवमेंट थेरेपी से दर्द से राहत मिला है।

कदम कहती हैं, “ग्रुप में वे लोग शामिल हैं, जो फाइब्रोमायल्गिया और संबंधित दर्द जैसी बीमारियों के कारण दर्द का अनुभव कर रहे हैं। लंबे समय तक इलाज और हॉस्पिटल में भर्ती होने के बाद, यह कभी-कभी उनकी ऊर्जा और आशा को खत्म कर सकता है। जिन लोगों को दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा, वे दूसरी कैटेगरी में आते हैं। अगर उन पर शारीरिक या यौन हमला हुआ है, उनके शरीर में यह दर्द बहुत अलग तरीके से बना रहता है। किशोर महिलाएं और वयस्क, जो हार्मोनल बदलाव से पीड़ित हैं और जो गंभीर मासिक धर्म के दर्द और अत्यधिक मूड स्विंग्स से गुजरते हैं, उन्होंने भी डांस और मूवमेंट के माध्यम से सकारात्मक प्रभाव देखा है।”

 

संक्षिप्त विवरण

  • डांस और मूवमेंट थेरेपी का उद्देश्य दर्द के मनोवैज्ञानिक कारण को जानकर क्रोनिक दर्द को कम करना है। इसके लिए शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों समाधानों पर ध्यान दिया जाता है।
  • डांस और मूवमेंट थेरेपी यह देखती है कि किसी व्यक्ति का सामाजिक, प्रोफेशनल और व्यक्तिगत जीवन दर्द से कैसे प्रभावित होता है और उनके जीवन के ये पहलू कैसे जुड़े हुए हैं।
  • लोगों को ऐक्टिविटीज़ के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त करने या प्रदर्शित करने में सक्षम बनाकर, यह कैथर्सिस को बढ़ाता है।

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