शराब के अधिक सेवन से शरीर को कई तरह के नुकसान होते हैं, जिनमें हड्डियों के रिमॉडलिंग में रुकावट से लेकर फ्रैक्चर और ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम बढ़ना शामिल है और ये बीमारियां स्थायी रूप से भी हो सकती हैं।
जब भी शराब से होने वाले नुकसान की बात की जाती है, तो हमेशा यही कहा जाता है कि इससे शरीर के अंग खराब होते हैं और पूरा सिस्टम ही खराब होने लगता है, लेकिन संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले एक महत्वपूर्ण पहलू को अक्सर लोग अनदेखा कर देते हैं, जो है अधिक शराब के सेवन से हड्डियों को होने वाली बीमारी। शराब का सेवन बोन डेंसिटी पर नुकसानदायक प्रभाव डाल सकता है, फ्रैक्चर का जोखिम बढ़ा सकता है और हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने वाली प्रक्रिया को खराब कर सकता है। इन सभी कारणों से लोगों का जीवन खराब हो सकता है और उन्हें कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं।
गोवा के मणिपाल हॉस्पिटल्स के आर्थोपेडिक कंसल्टेंट डॉक्टर सुशांत मुम्मिगट्टी का कहना है, “अल्कोहल के सेवन से हड्डियों के स्वास्थ्य पर नुकसानदायक प्रभाव पड़ता है और अल्कोहल के सेवन से हड्डियों पर पड़ने वाला प्रभाव अल्कोहल के सेवन की मात्रा, व्यक्ति की उम्र और पहले से मौजूद किसी भी समस्या पर निर्भर करता है।”
शराब से हड्डियों क्या नुकसानदायक प्रभाव पड़ता है?
जन्म के बाद बच्चे की हड्डियां, हड्डियों की ताकत कई वर्षों तक बढ़ती रहती हैं और विकसित होती रहती हैं। ऐसा लगभग 20 वर्ष तक होता है। इसके बाद, लगभग 40 वर्ष की आयु तक, डायट और लाइफस्टाइल के आधार पर बोन डेंसिटी बना रहता है। 70 की उम्र तक पहुंचने पर बोन डेंसिटी कम हो जाता है और उनकी ताकत 30 से 40 प्रतिशत कम हो जाती है।
डॉक्टर मुम्मिगट्टी का कहना है, “यह पूरी प्रोसेस मुख्य रूप से दो प्रकार की सेल्स ऑस्टियोब्लास्ट्स (हड्डी बनाने वाली सेल्स) और ऑस्टियोक्लास्ट्स (हड्डियों को दोबारा स्वस्थ करने वाली सेल्स) द्वारा संचालित होती है। शराब के सेवन से दोनों प्रकार के सेल्स की ऐक्टिविटीज़ प्रभावित होती है। इससे ऑस्टियोक्लास्ट्स सेल्स की ऐक्टिविटी बढ़ जाती है, जबकि ऑस्टियोब्लास्ट्स की ऐक्टिविटी कम हो जाती है। इससे हड्डी के रीमॉडलिंग पर नुकसानदायक प्रभाव पड़ता है, क्योंकि इस प्रोसेस से ही हड्डियां अपने आपको स्वस्थ और मज़बूती बनाए रखने के लिए लगातार सुधार करती रहती हैं।“
शराब के अत्यधिक सेवन का हड्डियों पर प्रभाव
कई जोखिमों के कारण हड्डियों के स्वास्थ्य और मज़बूती को नुकसान हो सकता है। शराब के अधिक सेवन के कारण हड्डियों पर पड़ने वाले इन सभी नुकसानदायक प्रभाव को अल्कोहल आधारित हड्डी रोग कहा जाता है।
डॉक्टर मुम्मिगट्टी का कहना है, “शराब से हड्डियों पर कई तरह का नुकसानदायक प्रभाव पड़ता है। सबसे पहले, बोन मिनरल डेंसिटी (BMD) कम हो जाता है। दूसरा, BMD कम होने के कारण फ्रैक्चर का जोखिम बढ़ जाता है। BMD के कारण ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोपेनिया जैसी हड्डियों की बीमारियां हो सकती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी है, जिसमें बोन मिनरल डेंसिटी काफी कम हो जाता है और इसके कारण हड्डियां कमज़ोर और नाजुक हो जाती हैं। यह अक्सर उम्र बढ़ने और हार्मोनल बदलावों के कारण होता है। दूसरी ओर, ऑस्टियोपेनिया की समस्या ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी का शुरुआती लक्षण है। हालांकि यह कम गंभीर समस्या है, लेकिन इसमें भी बोन मिनरल डेंसिटी कम हो जाता है, लेकिन अंतर यह है कि इसमें ऑस्टियोपोरोसिस जितना गंभीर नुकसान नहीं होता है।”
हड्डियों का स्वास्थ्य और शराब का सेवन: किसे बीमारी होने की संभावना अधिक है?
डॉक्टर मुम्मिगट्टी का कहना है, “शराब का सेवन सभी के लिए नुकसानदायक है, लेकिन फिर भी कुछ एज ग्रुप को हड्डियों पर गंभीर हानिकारक प्रभाव पड़ने की संभावना अधिक होती है”।
- किशोर: अल्कोहल हेल्थ एंड रिसर्च वर्ल्ड में प्रकाशित एक रिसर्च लेटर के अनुसार, शराब के सेवन से युवाओं और विकास कर रही हड्डियों पर नुकसानदायक प्रभाव पड़ता है, क्योंकि यह लोअर्स पीक बोन मास (हड्डी के टिश्यू की अधिक मात्रा, जो व्यक्ति के जीवनकाल में विकसित होता है ) को कम कर देता है। इसके कारण इनकी हड्डियां तुलनात्मक रूप से कमज़ोर और नाजुकक हो सकती हैं, जिनमें फ्रैक्चर होने की संभावना अधिक हो जाती है।
- बुजुर्ग लोग: बुजुर्ग लोगों में शराब के कारण हड्डियों की समस्या होने का जोखिम अधिक होता है। इसके बोन डेंसिटी में कमी, खराब बोन टर्नओवर और कमज़ोर लीवर फंक्शन सहित कई कारण हो सकते हैं।
- मेनोपोज के बाद की महिलाएं: डॉक्टर मुम्मीगट्टी का कहना है, “जब महिलाओं में मेनोपोज हो जाता है, तो हड्डियों को स्वास्थ्य बनाए रखने में सहायक हार्मोन एस्ट्रोजन का लेवल कम होने लगता है। इससे हड्डियों के कमज़ोर होने की स्पीड बढ़ जाती है और हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं। ऐसे में शराब पीने से स्थिति और भी खराब हो जाती है।“
सीमित मात्रा में करें शराब का सेवन
डॉक्टर मुम्मिगट्टी का कहना है, “कई लोग सोशल ऐक्टिविटी के रूप में शराब का सेवन करते हैं, इसलिए शराब की मात्रा में कमी करने से इससे होने वाली हड्डियों की बीमारियों से बचा जा सकता है। शराब का नुकसान सेवन की मात्रा पर निर्भर करता है। रोज़ एक या दो ड्रिक से बोन डेंसिटी वैल्यू में कोई बदलाव नहीं होता है। लोगों को उचित न्यूट्रिशन का सेवन करना चाहिए, नियमित एक्सरसाइज़ करनी चाहिए और वज़न पर नियंत्रण पाना चाहिए।”
डॉक्टर मुम्मिगाटी का कहना है, “कैल्शियम लेवल को ठीक रखें और शरीर में पर्याप्त विटामिन D3 बनने के लिए पर्याप्त समय तक धूप में रहें और पत्तेदार सब्जियां, दूध, डेयरी प्रोडक्ट, नट्स के साथ फलियां खाएं, क्योंकि इनसे हड्डियां मज़बूत होती हैं।”
संक्षिप्त विवरण
- अत्यधिक शराब के सेवन से ऑस्टियोब्लास्ट और ऑस्टियोक्लास्ट का फंक्शन प्रभावित होता है और हड्डी के दोबारा स्वस्थ होने की क्षमता प्रभावित होती है।
- शराब के सेवन से होने वाली हड्डियों की समस्या को अल्कोहल आधारित हड्डी की बीमारी कहा जाता है। इसमें ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोपेनिया शामिल हैं।
- शराब के कारण हड्डियों से जुड़ी समस्या होने का जोखिम किशोरों, मेनोपॉज वाली महिलाओं और बुजुर्गों में अधिक होता है।
- पर्याप्त मात्रा में न्यूट्रिशन का सेवन, लगातार एक्सरसाइज़ और वज़न पर नियंत्रण रखने के साथ सीमित मात्रा में शराब पीने से हड्डियां स्वस्थ रह सकती हैं।