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प्रोसेस्ड आहार से क्रोनिक जॉइंट्स पेन कैसे प्रभावित होता है
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प्रोसेस्ड आहार से क्रोनिक जॉइंट्स पेन कैसे प्रभावित होता है

क्रोनिक जॉइंट्स पेन की समस्या के कई शारीरिक कारण, जैसे व्यक्ति की उम्र, चोटें और ऑटोइम्यून डिसऑर्डर आदि हो सकते हैं। खराब डायट, विशेष रूप से प्रोसेस्ड फूड्स के सेवन से यह और गंभीर हो सकता है

क्रोनिक जॉइंट्स पेन की समस्या के कई शारीरिक कारण, जैसे व्यक्ति की उम्र, चोटें और ऑटोइम्यून डिसऑर्डर आदि हो सकते हैं। खराब डायट, विशेष रूप से प्रोसेस्ड फूड्स के सेवन से यह और गंभीर हो सकता है

पूरी दुनिया में लोगों के भोजन की पसंद में बदलाव आ रहा है। वर्तमान में लोग अधिकांशतः प्रोसेस्ड फूड्स का ही सेवन कर रहे हैं।

बैंगलोर स्थित क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट, डायटीशियन, स्पोर्ट न्यूट्रिशनिस्ट और डायबिटीज़ एजुकेटर सफिया अरफैन का कहना है, “आज हमारी दुनिया में ब्रेकफास्ट से लेकर डिनर के अंत में खाई जाने वाली स्विट्स तक, सब कुछ प्रोसेस्ड होता है। यह मुख्य कारण है, जिसके कारण लोगों को अधिक संख्या में क्रोनिक जॉइंट्स पेन की बीमारी हो रही है।”

ऐसे में सवाल यह है कि क्या प्रोसेस्ड फूड्स और क्रोनिक जॉइंट्स पेन में कोई संबंध है?

 

क्या प्रोसेस्ड फूड्स के सेवन से क्रोनिक जॉइंट्स पेन प्रभावित होता है?

रिसर्च से प्रोसेस्ड फूड्स के सेवन और क्रोनिक जॉइंट्स पेन के बढ़ते जोखिम के बीच ठोस संबंध का पता चला है। जोड़ों के दर्द के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें उम्र, टूट-फूट, चोटें और ऑटोइम्यून डिसऑर्डर शामिल हैं, लेकिन इसके साथ ही डायट की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

अरफैन का कहना है, “प्रोसेस्ड फूड्स में शुगर, नमक और प्रिजर्वेटिव आदि बहुत अधिक मात्रा में होते हैं, जो शरीर में सूजन पैदा करने का काम करते हैं। यह प्रोसेस्ड फूड्स से होने वाली मुख्य बीमारी है।”

प्रोसेस्ड फूड्स से शरीर में सूजन की समस्या हो सकती है, क्योंकि यह सूजन की समस्या बनने वाले कारकों की मदद करते हैं। बहुत अधिक प्रोसेस्ड किए गए फूड्स में एंटीऑक्सिडेंट और ओमेगा -3 फैटी एसिड (इनमें सूजन कम करने की विशेषताएं होती हैं) जैसे ज़रूरी न्यूट्रिशन की कमी होती है।

अरफैन का कहना है, “आमतौर पर प्रोसेस्ड मीट में सेचुरेटेड फैट पाए जाते हैं। जब खाना पकाने के दौरान ये अधिक तापमान के संपर्क में आते हैं, तो हमारे शरीर में हानिकारक केमिकल की मात्रा बढ़ जाती है। इससे शरीर में एडवांस ग्लाइकोसिलेशन प्रोडक्ट बनता है, जो सूजन का कारण बनता है।”

आमतौर पर प्रोसेस्ड फूड्स में जितनी अधिक कैलोरी होती है, उतना ही कम न्यूट्रिशन होता है। इससे शरीर का वज़न बढ़ता है और जोड़ों पर दबाव बढ़ता है और इससे क्रोनिक दर्द की समस्या और बढ़ जाती है।

 

प्रोसेस्ड फूड्स जोड़ों के स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है?

प्रोसेस्ड फूड्स में ट्रांस फैट, हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में होते हैं, जो शरीर में सूजन बढ़ाने का काम करते हैं।

अरफैन का कहना है, “शुगर की अधिक मात्रा होने से शरीर में प्रो-इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स रिलीज़ होता है, जो जोड़ों में और अधिक सूजन पैदा करता है।”

क्रोनिक इन्फ्लेमेशन से जोड़ों के टिश्यू को नुकसान होता है। इससे दर्द होने लगता है और उस अंग में कठोरता आ जाती है।

अरफैन का कहना है, “प्रोसेस्ड फूड्स में मौजूद प्रिजर्वेटिव और ऐडिटिव्स ऑक्सीडेटिव तनाव पैदा करते हैं, जिससे सेल्स को नुकसान होता है और फिर सूजन की समस्या होती है। MSG (मोनोसोडियम ग्लूटामेट) भले ही पकवान में स्वाद को बढ़ाता है, लेकिन यह सूजन की समस्या पैदा करने वाले कारणों को भी बढ़ाता है। इससे जोड़ों सहित पूरे शरीर में सूजन की समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है।”

 

आपके पास क्या विकल्प है?

प्रोसेस्ड फूड्स में डायटरी फाइबर की कमी होती है, जो आंतों को स्वस्थ बनाने वाले माइक्रोबायोम को मेंटेंन रखने के लिए ज़रूरी होते हैं। आंतों के माइक्रोबायोम में अंसुतलन से भी सूजन की समस्या होती है और इसका जोड़ों के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।

अरफैन का कहना है, “मेरे विचार से मुख्य बात प्रोसेस्ड फूड्स की मात्रा है कि हम कितना खाते हैं। उसी के अनुसार हम प्रभावित होते हैं। अगर आप बहुत कम मात्रा में खा रहे हैं, तो मात्रा पर नियंत्रण रखने और सचेत होकर अपने फूड्स विकल्पों का ध्यान रखने से आप स्वस्थ रहेंगे।”

 

संक्षिप्त विवरण

  • प्रोसेस्ड फूड्स में शुगर, नमक, प्रिजर्वेटिव आदि होते हैं, जो सूजन पैदा करने का काम करते हैं।
  • क्रोनिक इन्फ्लेमेशन से जोड़ों के टिश्यू को नुकसान हो सकता है। इससे दर्द होने लगता है और अंगों में कठोरता आ सकती है।
  • खाए जाने वाले प्रोसेस्ड फूड्स की मात्रा के अनुसार शरीर प्रभावित होता है। अगर आप बहुत कम मात्रा में खा रहे हैं, तो मात्रा पर नियंत्रण रखने और सचेत होकर अपने फूड्स विकल्पों का ध्यान रखने से आप स्वस्थ रहेंगे।

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